16 दिसंबर 2025 : वृंदावन के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने श्रद्धालुओं और सेवायतों को हैरान कर दिया। मंदिर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि ठाकुर बांके बिहारी जी को ना तो सुबह का बाल भोग लगाया गया और ना ही शाम का शयन भोग। इसके बावजूद ठाकुर जी ने भक्तों को दर्शन दिए, लेकिन वर्षों से चली आ रही भोग की परंपरा टूट गई।
हलवाई को भुगतान ना मिलने से नहीं बना भोग
मिली जानकारी के मुताबिक, मंदिर में ठाकुर जी के भोग और प्रसाद की व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के तहत की जाती है। इसी व्यवस्था के अंतर्गत एक हलवाई को ठाकुर जी के भोग की तैयारी की जिम्मेदारी दी गई है। हलवाई को हर महीने करीब 80 हजार रुपये वेतन दिया जाता है, लेकिन बीते कुछ महीनों से उसे भुगतान नहीं किया गया। वेतन न मिलने के कारण हलवाई ने सोमवार को बाल भोग और शयन भोग तैयार नहीं किया।
ठाकुर जी को दिन में 4 बार लगता है भोग
मंदिर के गोस्वामियों ने बताया कि आमतौर पर ठाकुर बांके बिहारी जी को दिन में 4 बार भोग लगाया जाता है। सुबह बाल भोग, दोपहर में राजभोग, शाम को उत्थापन भोग और रात में शयन भोग अर्पित किया जाता है। भोग तैयार कराने की जिम्मेदारी मयंक गुप्ता नामक व्यक्ति के पास है, जो हलवाई के जरिए यह व्यवस्था करता है। लेकिन सोमवार को सेवायतों को किसी भी प्रकार का भोग नहीं मिला।
गोस्वामियों में नाराजगी, कमेटी ने दिए भुगतान के आदेश
इस घटना को लेकर मंदिर के गोस्वामियों में भारी नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही से मंदिर की परंपराएं प्रभावित हो रही हैं। वहीं हाई पावर कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि मयंक गुप्ता से बात की गई है और हलवाई का भुगतान जल्द करने के निर्देश दे दिए गए हैं। कमेटी ने यह भी कहा है कि आगे ऐसी स्थिति दोबारा न हो, इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे।
