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दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नया फीस रेगुलेशन कानून लागू

12 दिसंबर 2025 : दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली को रोकने के लिए तैयार किया गया दिल्ली स्कूल एजुकेशन (फीस निर्धारण और नियमन) एक्ट, 2025 अब आधिकारिक रूप से प्रभावी हो गया है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस कानून की गजट अधिसूचना जारी कर इसकी पुष्टि कर दी। इसके लागू होने के बाद राजधानी के 1500 से अधिक प्राइवेट अनएडिड स्कूल इसके दायरे में आ गए हैं।

तीन-स्तरीय निगरानी तंत्र—हर विवाद की होगी बहु-स्तरीय सुनवाई

नए कानून में फीस संबंधी मामलों की जांच और विवादों के निपटारे के लिए तीन स्तर निर्धारित किए गए हैं—

  1. स्कूल-स्तरीय फीस रेगुलेशन कमेटी
  2. जिला फीस अपीलेट कमेटी
  3. रिवीजन कमेटी
  4. यानी किसी भी फीस विवाद की सुनवाई अब सबसे पहले स्कूल स्तर पर होगी, फिर जिला स्तर पर और अंत में रिवीजन कमेटी तक जाएगी।
  5. शिकायत दर्ज करने के लिए अभिभावकों का समर्थन अब अनिवार्य-
  6. नियमों के अनुसार, स्कूल के खिलाफ जिला समिति में शिकायत दर्ज कराने के लिए कम से कम 15% अभिभावकों का समर्थन होना जरूरी है। कानून यह भी तय करता है कि स्कूल केवल वही फीस वसूल कर सकते हैं जो पारदर्शी रूप से निर्धारित की गई हो और जिसका स्पष्ट उल्लेख किया गया हो। हर फीस हेड को अलग-अलग बताना अनिवार्य होगा।
  7. अनावश्यक शुल्क पूरी तरह प्रतिबंधित
  8. नए प्रावधानों के अनुसार—
  9. आवश्यकता से अधिक फीस वसूलना प्रतिबंधित है।
  10. ट्यूशन फीस का उपयोग केवल दैनिक संचालन और शैक्षणिक गतिविधियों के खर्च के लिए किया जा सकेगा।
  11. बिल्डिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर या बड़े पूंजीगत खर्च की भरपाई ट्यूशन फीस से नहीं की जा सकती।
  12. कैसे बनेगी स्कूल-स्तरीय फीस कमेटी?
  13. स्कूल के भीतर गठित समिति में इन सदस्यों को शामिल किया जाएगा—
  14. अभिभावक प्रतिनिधि (महिला और कमजोर वर्ग का प्रतिनिधित्व अनिवार्य)
  15. शिक्षक (लकी ड्रॉ द्वारा चयन)
  16. स्कूल प्रबंधन का प्रतिनिधि (कमेटी का चेयरपर्सन)
  17. प्रधानाचार्य (मेंबर सेक्रेटरी)
  18. शिक्षा विभाग का एक पर्यवेक्षक
  19. यह कमेटी हर तीन साल के लिए फीस संरचना को मंजूरी देगी। स्कूल को फीस बढ़ाने का प्रस्ताव भेजते समय ऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट देना आवश्यक होगा।
  20. जिला स्तर और रिवीजन कमेटी की भूमिका
  21. जिला कमेटी हर साल 15 जुलाई को गठित की जाएगी।
  22. सभी मामलों का निपटारा 30 जुलाई तक करना होगा।
  23. जिला स्तर के फैसले के बाद 30–45 दिनों के भीतर रिवीजन कमेटी में अपील की जा सकती है।
  24. रिवीजन कमेटी को 45 दिनों के अंदर निर्णय देना होगा, जो अगली 3 वर्षों तक प्रभावी रहेगा।
  25. यदि 45 दिनों में फैसला नहीं आया, तो मामला स्वतः अपीलेट कमेटी के पास चला जाएगा।

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