झज्जर 05 दिसंबर 2025 : उत्तर भारत की ऊर्जा कथा में बड़ा बदलाव लाते हुए खेतड़ी नरेला 765 केवी ट्रांसमिशन लाइन सफलतापूर्वक चालू हो गई है। इससे राजस्थान के सौर ऊर्जा हब की 8.1 गीगावाट हरित बिजली अब सीधे दिल्ली-एनसीआर की ग्रिड तक पहुंचेगी। यह लाइन हरियाणा के झज्जर जिले से होकर गुजरती है, जहां परियोजना को सबसे कठिन परीक्षा का सामना करना पड़ा।
लाइन के शुरू होने से उत्तर भारत की ग्रिड स्ट्रेंथ में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है। पावरग्रिड ने 3 दिसंबर की रात अपने एक्स अकाउंट पर इसे “नो टेरेन टू टफ, नो सीजन टू रफ” की भावना का प्रतीक बताया। सचमुच, राजस्थान की धूप अब दिल्ली-एनसीआर की रोशनी बनेगी। 463 में से 454 टावरों की फाउंडेशन समय पर पूरी हो गई थी, लेकिन झज्जर के 7 स्थानों पर जमीन विवाद, किसानों की आपत्तियां और राइट आफ वे की जटिलता ने कार्य को बार-बार रोक दिया। पावरग्रिड टीम ने संवाद, मुआवजा प्रक्रिया और प्रशासनिक समन्वय से इन अवरोधों को दूर किया और परियोजना को पटरी पर लाया।
यह सीधा इंटीग्रेशन आयातित कोयला-गैस पर निर्भरता घटाता है, बिजली लागत को लंबे समय में कम करता है और ग्रिड को अधिक विश्वसनीय बनाता है। औद्योगिक विकास की संभावनाएं बढ़ती हैं और यह स्पष्ट होता है कि एक मजबूत राष्ट्र के लिए मजबूत बिजली ग्रिड अनिवार्य है।
