अमृतसर 25 नवंबर 2025: जिला प्रशासन व नगर निगम एक तरफ शहवासियों को सेहत व अन्य सुविधाएं प्रदान करने के बड़े-बड़े दावें करते नहीं थकते, परंतु सच्चाई किसी से छुपी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ निगम प्रशासन की लापरवाही व लच्चरता कार्यप्रणाली सामने आई है, जिससे लोगों की जान सांसत में पड़ी हुई है और निगम प्रशासन इस ओर अवगत होते हुई भी अंजान बना बैठा है। ये सारा मामला शहर में फिर से घूम रहे आवारा व खूंखार कुत्तों को लेकर है। आजकल शहर में कई हजारों की संख्या में आवारा व खूंखार कुत्ते खुलेआम घमते दिखते हैं, जिससे लोग काफी आतंकित हुए बैठे हैं और अब तक ज्यादातर कई महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को काट चुके हैं। क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन व निगम से कार्रवाई की मांग की है।
कुछ वर्ष पहले दिया था प्राईवेट कंपनी को ठेका
बता दें कि कुछ वर्ष पहले इस आतंक का पर्याप्य बनी समस्या से निपटने के लिए निगम प्रशासन ने आवारा कुत्तों की नसबंदी करने की मुहिम छेड़ी थी और इसके प्रति एक प्राइवेट फर्म को ठेका दिया था। उस दौरान शहर की गलियों व मोहल्लों में घूम रहे इन खूंखार व आवार कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी की थी, ताकि इनकी संख्या में बढ़ौतरी न हो, परंतु अब समय रहते उक्त समस्या ने फिर से फन उठा लिया है। यह आवारा कुत्ते इतने खूंखार हैं कि यह व्यक्तियों, महिलाओं का क्या बजुर्गों व बच्चों तक को नोच डालते है।
झुंड बनाकर गलियों में घूमते हैं आवारा कुत्ते
कइयों का कहना है कि गलियों में ये आवारा व खूंखार कुत्ते अपना झुंड बनाकर घूमते है और कई लोगों को अपना शिकार बनाते हुए उनको बुरी तरह से नोचते है। लोगों ने कहा कि विगत कुछ माह से आवारा कुत्तों की इस समस्या ने कुछेक को लील भी लिया है और कई तो अभी तक घायल हुए अपना इलाज करवा रहे हैं। यह समस्या दिन-प्रतिदिन और विकराल रूप धारण कर रही है, जिससे लोगों खासकर क्षेत्र निवासियों व राहगिरों को गलियों से गुजरना किसी खतरे से कम नहीं है।
कहां व किन इलाकों में है ये ज्यादा समस्या
ग्रीन एवेन्यू तीनों ब्लाक, रणजीत एवेन्यू, पांचों ब्लाकों, सुल्तानविंड रोड के सघन क्षेत्र, नवी आबादी, हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, खंडवाला, छेहर्टा, रानी का बाग, पुतलीघर, ग्वालमंडी, फतेह सिंह कालोनी व और भी शहर के कई अन्य क्षेत्रों में इन आवारा व खूंखार कुत्तों ने अपना आतंक फैला रखा है। यहां के क्षेत्रवासियों के अलावा यहां से गुजरने वाले राहगीर व वाहन चालक भी इससे खौफ के साए में रहने को मजबूर हैं।गौरतलब है कि उक्त क्षेत्रों में कुत्तों के झुंड के झुंड आम तौर पर ही घूमते दिखते हैं। इन कुत्तों ने अपना आतंक इतना फैला दिया है कि अब तो वाहन चालक भी काफी घबराने लगे हैं। ये कुत्ते झुंड के रूप में किसी दो पहिया वाहन चालक पर टूट पड़ते हैं और देखते ही देखते उसको अपना शिकार बनाकर घायल कर देते हैं।
सैर करवाने वालों को भी नहीं छोड़ते कुत्ते
स्थानीय कंपनी बाग जोकि सैरगाह है व शहर के अलग-अलग स्थानों से लोग सुबह व शाम यहां सैर के लिए आते हैं, परंतु यहां पर आवारा व खूंखार कुत्ते सैर करने वालों को काट लेते हैं। सैर करने वाले राजिन्दर कद, मोती महाजन, बबल प्रधान, रमन कपूर, अशोक कुमार, शिवा जुल्का, राजीव जुल्का, राजेश शर्मा आदि ने बताया कि जब कोई सैर करता है या फिर रनिंग करता है तो कई बार ये आवारा कुत्ते उन्हें काट लेते हैं, जिससे अब कई लोगों के मनों में खौफ बन चुका है। कुछ लोग वहां पर पक्षियों व अन्य जानवरों के लिए खाने-पीने का सामान खुद लेकर आते हैं और इन कुत्तों को ब्रैड, अंडे व दूध आदि डालते हैं, ताकि वो पुण्य कमा सके, परंतु उक्त बाग में इन कुत्तों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। इसके साथ ही लोग भी अब इनका शिकार बन रहे हैं।
खौफ में बच्चों ने बाहर निकलना किया बंद
क्षेत्रनिवासीयों ने आवारा व खूंखार कुत्तों के खौफनाक मंजर के चलते अपने बच्चों व बजुर्गों का घरों से बाहर निकलना तो जैसे बंद ही कर दिया है। इसका कारण है कि बच्चे खासकर इन खूंखार कुत्तों का ज्यादातर शिकार बनते हैं। इसी कारण लोगों में अब हमेशा ही भय का माहौल बना रहता है। विभिन्न बाज़ारों में लगी खाने-पीने की रेहड़ियों पर अगर कोई व्यक्ति कुछ भी खाता है तो इन कुत्तों का अमूमन वहीं पर जमावड़ा लग जाता है। इस दौरान अगर उक्त व्यक्ति ने कुत्तों को खाने को दे दिया तो ठीक, वर्ना ये कुत्ते उक्त व्यक्ति की खाने वाली वस्तु के इलावा उस पर झपट कर उसे काट खाते हैं। इसके अलावा पुतलीघर जी.टी. रोड पर कई अन्य आवारा पशु सड़कों पर घूमते रहते हैं, जिससे कई वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इस आतंक का पर्यप्य बन चुकी बड़ी समस्या से संबंधित प्रशासन भली-भांति अवगत है, परंतु फिर भी इसके प्रति कदम न उठाए जाना, उनकी लचर कार्य प्रणाली को दर्शाता है। शहरवासियों ने मांग की है कि सड़कों पर आवारा घूम रहे जानवरों के अलावा आवार व खूंखार कुत्तों को शहर से बाहर खदेड़ा जाए, ताकि लोग सुलभता से अपनी जीवन-जापन कर सके।
