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पंजाब के कई जिलों में पराली जलाने के मामले बढ़े, आंकड़े करेंगे हैरान

अमृतसर 13 नवंबर 2025 : धान की कटाई का सीजन जैसे-जैसे अंतिम पड़ाव में पहुंचता जा रहा है, वैसे-वैसे पराली जलाने के मामले लगभग 2 गुणा हो चुके हैं। अमृतसर जिले में अब तक पराली जलाने के 308 मामले सैटेलाइट के माध्यम से सामने आ चुके है, जबकि 111 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुके हैं और 109 के खिलाफ रैड एंट्री हो चुकी है।

वहीं पराली जलाने के मामले में मुख्यमंत्री का अपनी ही जिला संगरूर  677 के साथ पहले नंबर पर चल रहा है और तरनतारन जिला 652 केसो के साथ दूसरे नंबर पर है। इसी कड़ी में फिरोजपुर जिले में पराली जलाने के मामले 465 सामने आए हैं, जबकि मोगा जिले के 308 मामले दर्ज किए गए है। इसी तरह बठिंडा जिले के 314 मामले सामने आए है।

जानकारी के अनुसार पराली जलाने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्ती से कार्रवाई कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद किसान लगातार पराली जलाने से गुरेज नहीं कर रहे है। कत्थूनंगल टोल प्लाजा के पास प्राइवेट कंपनी के पैट्रोल पंप के समक्ष खेतों में किसान द्वारा पराली जलाई गई थी, जिसका परिणाम घातक हो सकता था, अगर पैट्रोल पंप आग की चपेट में आ जाता तो बड़ा हादसा घटित हो सकता था। इस संदर्भ में पुलिस में भी शिकायत दी गई थी और पुलिस द्वारा इस मामले की गहणता से जांच की जा रही है।

रैड एंट्री वालों की आसानी से नहीं बिकती जमीन

जिला प्रशासन की तरफ से पटवारी के माल रिकॉर्ड में जहां रैड एंट्री कर दी जाती है, वह जमीन आसानी से बिकती नहीं है और न ही उस पर बैंक की तरफ से कर्ज दिया जाता है। जमीन की बिक्रेय अन्य काम करने के लिए काफी सारी औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है, जिससे भारी परेशानी होती है। पराली की बात करें तो पराली को जमीन में मिलाने के लिए प्रति एकड़ 3,000 के लगभग खर्च आता है, लेकिन सरकार की तरफ से आज तक किसानों को यह मुआवजा नहीं दिया गया है। समय-समय की सरकारों की तरफ से ऐलान जरूर किए जाते रहे हैं लेकिन असलियत में कुछ नहीं दिया गया।

पराली जलाने वालों पर अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी

पराली जलाने की बात करें तो कभी अमृतसर जिले का हिस्सा रहा तरनतारन जिला इस समय पंजाब में पराली जलाने में दूसरे नंबर पर आ चुका है। तरनतारन में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए, हालांकि यहां भी जिला प्रशासन की तरफ से पराली जलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा रही है, लेकिन किसान अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए हैं। अमृतसर जिले की बात करें तो डी.सी. साक्षी साहनी के तबादले के बाद नए डी.सी. दलविंदरजीत सिंह की पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है और उन्होंने आते ही प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं।

पुलिस की तरफ से भी चलाया जा रहा जागरूकता अभियान

जिला प्रशासन की तरफ से पुलिस भी किसानों को लगातार जागरूक कर रही है और पराली न जलाने के लिए अपील कर रही है। अमृतसर देहाती पुलिस के एस.एस.पी. मनिंदर सिंह खुद जागरूकता कैंप जा रहे हैं और किसानों को अपील कर रहे है और इसका असर भी नजर आ रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने के मामले कम हुए हैं।

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