पुणे 11 नवंबर 2025 : पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय ने भोर के विधायक शंकर मांडेकर के भाई बालासाहेब मांडेकर के नाम से जुड़े फायरिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस घटना के बाद दो लाइसेंसी पिस्तौलों के लाइसेंस रद्द करने का सख्त फैसला लिया है। जांच में यह साबित हुआ कि हथियारों का दुरुपयोग किया गया था।
🔹 शस्त्रों के दुरुपयोग पर कड़ी कार्रवाई
लाइसेंसी हथियार सुरक्षा और आत्मरक्षा के लिए दिए जाते हैं, लेकिन यदि उनका इस्तेमाल डराने, धमकाने या सार्वजनिक जगहों पर गोली चलाने जैसे कार्यों के लिए किया जाए, तो यह गंभीर अपराध माना जाता है। इसी आधार पर पुलिस ने यह कठोर कदम उठाया है।
🔹 फायरिंग की घटना और राजनीतिक बवाल
यह घटना 21 जुलाई की रात अंबिका कला केंद्र, चौफुला (यवत परिसर) में हुई थी, जहां बालासाहेब मांडेकर पर आरोप है कि उन्होंने गणपत जगताप के नाम पर दर्ज लाइसेंसी पिस्तौल से हवा में गोली चलाई। इस मामले में यवत पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। घटना के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया था और कई नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए थे।
🔹 जांच में साबित हुआ गलत इस्तेमाल
जांच के दौरान पुलिस ने गवाहों के बयान, सबूत और घटनास्थल की जानकारी के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि हथियार का उपयोग गलत मकसद से किया गया था। इसके बाद पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ने गणपत जगताप का हथियार लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय को भेजा। विस्तृत जांच के बाद दोनों पिस्तौलों के लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिए गए हैं।
🔹 पुलिस सख्त निगरानी में
इस घटना के बाद सभी संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ जारी है। बढ़ती फायरिंग और गैंगवार की घटनाओं को देखते हुए पुलिस अब हथियार लाइसेंस के उपयोग पर और कड़े नियम लागू करने की तैयारी में है।
