06 नवंबर 2025 : कानपुर में पुलिस विभाग के सख्त और ईमानदार अधिकारी माने जाने वाले डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला अब विवादों में घिरे हैं। निलंबन के बाद एसआईटी जांच में उनके खिलाफ रोज नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में यह दावा किया गया है कि उनके पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। सबसे चौंकाने वाला खुलासा उनके ही पुराने मुखबिर मनोहर शुक्ला ने किया है, जो अब उनके खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं।
कभी ‘राजदार’, अब ‘राज खोलने वाला’
कभी डीएसपी ऋषिकांत के बेहद करीबी रहे मनोहर शुक्ला का कहना है कि अब उन्हें अपनी जान का खतरा उन्हीं से है। मनोहर ने आरोप लगाया कि एक जमीन विवाद के सिलसिले में ऋषिकांत उन्हें गंगा बैराज इलाके में ले गए और धमकी दी कि अगर बात न मानी तो “एनकाउंटर” करवा देंगे। मनोहर ने एसआईटी के समक्ष यह भी दावा किया कि डीएसपी ऋषिकांत के अपराधियों से कारोबारी संबंध रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विकास दुबे के परिवार के साथ मिलकर ऋषिकांत ने कई जमीनी सौदे किए।
मनोहर शुक्ला कौन है?
मनोहर खुद विवादों से घिरे हुए व्यक्ति हैं। डीएसपी ऋषिकांत के मुताबिक, वह हिस्ट्रीशीटर अपराधी हैं और उन पर 18 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मनोहर ने रायपुर थाना क्षेत्र में एक पार्षद की हत्या की थी, जिसके बाद उन्हें जेल भेजा गया था। ऋषिकांत ने यह भी कहा कि मनोहर, कुख्यात गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला का रिश्तेदार है और अब निजी दुश्मनी के चलते उन्हें फंसाने की साजिश रच रहा है।
जांच में सामने आ रही हैं परतें
एसआईटी ने ऋषिकांत शुक्ला को तीन बार नोटिस भेजे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला। वहीं, जांच में कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज सामने आए हैं, जिनमें से कुछ उनके करीबी देवेंद्र दुबे के नाम पर बताई जा रही हैं। ऋषिकांत ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया और कहा कि वह विजिलेंस जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार हैं।
22 एनकाउंटर करने वाले अधिकारी पर सवाल
कानपुर में अपने कार्यकाल के दौरान डीएसपी ऋषिकांत ने 22 एनकाउंटर किए थे। उसी दौर में उन्हें “सख्त अफसर” की छवि मिली थी। अब वही छवि उनके खिलाफ जा रही है। फिलहाल गृह विभाग ने जांच की जिम्मेदारी आईपीएस रमित शर्मा को सौंपी है। एसआईटी और विजिलेंस दोनों जांच में यह देखा जा रहा है कि आखिर डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला की संपत्ति का स्रोत क्या है और क्या उनके खिलाफ लगे आरोपों में सच्चाई है या नहीं।
