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आदिवासी छात्र से हुई बड़ी ज्यादती, MBBS प्रवेश से किया इनकार

पुणे 06 नवंबर 2025 : गडचिरोली के एक आदिवासी छात्र ने आरोप लगाया है कि सिंधुदुर्ग जिले के एक निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रवेश के दौरान कॉलेज प्रशासन ने उससे जबरन पूरा शुल्क जमा कराने के नाम पर उसे बंधक बनाकर रखा और प्रवेश देने से इनकार कर दिया। इस छात्र ने अपनी शिकायत सीईटी सेल, डीएमईआर (चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संचालनालय) और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (MUHS) से की है। हालांकि, संबंधित कॉलेज प्रशासन ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

क्या है पूरा मामला?

सीईटी सेल की कैप प्रक्रिया के तहत एमबीबीएस कोर्स में तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया हाल ही में समाप्त हुई। इसी प्रक्रिया में गडचिरोली जिले के रेपनपल्ली गांव के एक किसान परिवार के छात्र का चयन सिंधुदुर्ग के एक निजी मेडिकल कॉलेज में हुआ था। सरकारी योजना के तहत आरक्षित वर्ग के छात्रों की फीस शिष्यवृत्ति से भरी जाती है, इसलिए छात्र को केवल ₹50,000 का प्रवेश शुल्क देना था।

लेकिन जब छात्र प्रवेश के लिए कुडाळ स्थित कॉलेज पहुंचा, तो उसे कॉलेज प्रशासन ने मेस और हॉस्टल शुल्क के नाम पर ₹8.70 लाख का डिमांड ड्राफ्ट जमा करने को कहा। छात्र ने बताया कि सीईटी सेल के नियमों के अनुसार मेस और हॉस्टल सुविधा लेना अनिवार्य नहीं है, लेकिन कॉलेज ने कहा कि “यहां ये नियम लागू नहीं होता।”

बाद में छात्र और उसके परिवार को कॉलेज में ही रोककर रखा गया और जब उन्होंने उच्च अधिकारियों को ईमेल किया, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया। इस घटना से छात्र और परिवार को गहरा मानसिक आघात पहुंचा। छात्र ने इसके बाद सीईटी सेल और डीएमईआर को लिखित शिकायत दी, लेकिन उस पर दबाव बनाया गया कि वह शिकायत वापस ले ले।

क्या बोले अधिकारी?

  • डॉ. संजय दाभाड़े (आरक्षण हक्क संरक्षण समिति, पुणे) का कहना है कि किसी भी निजी मेडिकल कॉलेज को अनुसूचित जाति या जनजाति के छात्रों से फीस वसूलने का अधिकार नहीं है। सरकार को इस पर सख्ती करनी चाहिए और छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन जारी करनी चाहिए।
  • दिलीप सरदेसाई (आयुक्त, सीईटी सेल) ने कहा कि इस मामले में आए ईमेल की जांच की जा रही है और छात्र को न्याय दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
  • डॉ. अजय चंदनवाले (संचालक, डीएमईआर) ने कहा कि अगर किसी कॉलेज ने प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी की है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

यह मामला अब सीईटी सेल और डीएमईआर के जांच दायरे में है, और छात्र के परिवार ने कॉलेज पर कार्रवाई की मांग की है।

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