02 नवंबर 2025: महाराष्ट्र में विपक्ष और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई है. शनिवार (1 नवंबर) को मुंबई में प्रस्तावित ‘सत्य मार्च’ को लेकर माहौल गरमा गया. मुंबई पुलिस ने महा विकास आघाड़ी (MVA) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाले मोर्चे को अनुमति देने से इनकार कर दिया है. यह रैली चुनाव आयोग के खिलाफ निकाली जानी थी, जिसमें विपक्ष राज्य की मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों को लेकर विरोध दर्ज कराना चाहता था.
पुलिस ने जताई सुरक्षा और ट्रैफिक की चिंता
मुंबई पुलिस ने अपने फैसले में कहा है कि सुरक्षा और ट्रैफिक से जुड़ी चिंताओं के कारण इस रैली को अनुमति नहीं दी जा सकती. आईएएनएस के अनुसार, अधिकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर बिना अनुमति मार्च निकाला गया तो आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, भीड़ के आकार और संभावित ट्रैफिक जाम को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां पहले ही सतर्क थीं.
कौन कर रहा था मार्च और क्यों?
महा विकास आघाड़ी (MVA) के तहत महाराष्ट्र के प्रमुख विपक्षी दल- शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे—इस मार्च का नेतृत्व करने वाले थे. विपक्ष का आरोप है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी की है. MVA नेताओं का दावा है कि मतदाता सूची में करीब एक करोड़ फर्जी या दोहराए गए नाम शामिल हैं, जिन्हें हटाए बिना स्थानीय निकाय चुनाव कराना लोकतंत्र के साथ अन्याय होगा.
अब आगे क्या?
पुलिस की सख्ती और विपक्ष की जिद के बीच अब माहौल और गरमाने के आसार हैं. MVA नेताओं ने संकेत दिया है कि वे लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटेंगे. वहीं, पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और किसी भी अनधिकृत गतिविधि पर कार्रवाई की चेतावनी दे चुका है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विपक्ष अपनी योजना पर अड़ा रहता है या प्रशासन की रोक के आगे झुकता है.
