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स्वामी प्रसाद मौर्य बोले, धार्मिक नारे बने दंगे का कारण, मुस्लिम निशाने पर

02 नवंबर 2025: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और अपनी जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर सियासी हलचल मचा दी है। मौर्य ने कहा कि आज देश में ‘जय श्रीराम’ और ‘जय बजरंगबली’ जैसे धार्मिक नारे “दंगा कराने और नफरत फैलाने का लाइसेंस” बन चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और उसके समर्थक इन नारों का इस्तेमाल धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए कर रहे हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं ऐसी घटनाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

“धार्मिक नारे बन गए हिंसा का संकेत”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “अब ‘जय श्रीराम’ और ‘जय बजरंगबली’ के नारे दुकानों, घरों, ईदगाहों और मस्जिदों पर हमले का संकेत बन चुके हैं। धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले समाज में नफरत का ज़हर घोल रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि जो लोग धर्म की आड़ में हिंसा कर रहे हैं, वे असल में आतंक के रास्ते पर चल पड़े हैं, और मुख्यमंत्री ऐसे तत्वों पर कार्रवाई करने के बजाय निर्दोष मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर चलवा रहे हैं।

“मुख्यमंत्री खुद बन गए न्यायाधीश”
मौर्य ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून और न्याय प्रक्रिया को दरकिनार कर खुद फैसले सुना रहे हैं। “मुख्यमंत्री खुद न्यायालय की भूमिका निभा रहे हैं। निर्दोषों के घर ढहाए जा रहे हैं, जबकि असली गुंडे और अपराधी सत्ता के संरक्षण में घूम रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद पार्टी बन जाएं और सज़ा तय करने लगें, तो लोकतंत्र कमजोर होता है और राज्य में अराजकता फैलती है।

फतेहपुर और अलीगढ़ की घटनाओं का ज़िक्र
पूर्व मंत्री ने फतेहपुर की घटना का हवाला देते हुए कहा कि मकबरा तोड़ने के दौरान ‘जय श्रीराम’ और ‘जय बजरंगबली’ के नारे लगाए गए, लेकिन पुलिस ने उल्टा मुसलमानों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। वहीं अलीगढ़ में मंदिरों में “I Love Mohammad” लिखने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां की पुलिस ने साजिश को समय रहते पकड़ लिया, जिसके लिए उन्होंने स्थानीय एसएसपी की सराहना की।

“संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार पर संविधान के सिद्धांतों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा, “संविधान कहता है कि धर्म या जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा, लेकिन भाजपा सरकार खुद भेदभाव को बढ़ावा दे रही है।” उन्होंने कहा कि भगवान के नाम पर हिंसा धर्म नहीं बल्कि पाप है और भाजपा ने धर्म को राजनीति का हथियार बना दिया है।

“भगवान के नाम पर नफरत नहीं, सद्भाव चाहिए”
मौर्य ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ या ‘जय बजरंगबली’ का नारा सुनते ही लोग अब डरने लगे हैं कि कहीं उसके बाद पत्थरबाजी या दंगा न हो जाए। “यह स्थिति शर्मनाक है। भगवान के नाम पर हिंसा न भारतीय संस्कृति है, न ही धर्म। सरकार को न्याय और समानता के रास्ते पर लौटना चाहिए।”

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