29 अक्टूबर 2025 : अंबाला एयरफोर्स स्टेशन बुधवार सुबह इतिहास का साक्षी बना, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरी। यह उड़ान न केवल उनके साहस का प्रतीक है, बल्कि देश की बढ़ती रक्षा शक्ति और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की झलक भी पेश करती है। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह उड़ान हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से भरी, जहां एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उड़ान के बाद भारतीय वायुसेना ने उन्हें ‘प्रेरक और साहसी नेतृत्व’ की मिसाल बताया।
पहले भी फाइटर जेट उड़ा चुकी हैं राष्ट्रपति
इससे पहले अप्रैल 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी। वह फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष बनी थीं। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी सुखोई-30 में उड़ान भर चुके हैं।
राफेल: भारत की शक्ति का प्रतीक
फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल फाइटर जेट को 2020 में भारतीय वायुसेना के अंबाला एयरबेस में शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को ‘गोल्डन एरोज़’ स्क्वाड्रन में जोड़ा गया था। यह जेट अत्याधुनिक तकनीक, लंबी दूरी की युद्ध क्षमता और सटीक लक्ष्य साधने की शक्ति के लिए जाना जाता है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में दिखाया दम
राफेल जेट ने मई में हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान नियंत्रित इलाकों में आतंकी ढांचे को नष्ट कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था। इस ऑपरेशन ने देश की रक्षा व्यवस्था की आधुनिकता और तैयारियों का सबूत दिया। देशभर में राष्ट्रपति की यह उड़ान भारतीय रक्षा इतिहास में एक गर्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है।
