नाशिक 28 अक्टूबर 2025 : मुख्यमंत्री लाड़की बहन योजना में लाभ उठा रही कई महिलाओं में अपात्र लाभार्थियों के नाम शामिल पाए गए हैं। नाशिक जिले में की गई जांच के दौरान डुप्लीकेट नाम और अधूरे दस्तावेज सामने आने के कारण करीब 1600 महिलाओं के नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह संख्या और भी घट सकती है।
विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की महायुति सरकार ने लाड़की बहन योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत महाराष्ट्र की 21 से 65 वर्ष की महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 1500 रुपये सीधे जमा किए जाते हैं। इसके लिए सरकार ने पात्रता के स्पष्ट नियम तय किए थे — जैसे कि महिला विवाहित, विधवा या तलाकशुदा हो सकती है, परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, परिवार के पास चारपहिया वाहन नहीं होना चाहिए और एक परिवार की अधिकतम दो महिलाओं को ही योजना का लाभ मिल सकता है।
हालांकि, कई महिलाओं ने गलत जानकारी देकर लाभ प्राप्त किया। इसके बाद स्थानीय स्तर पर जांच शुरू हुई, जिसमें अपात्र लाभार्थियों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। हाल के दिनों में लगभग 1600 महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने फिलहाल ई-केवाईसी प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में लाड़की बहन योजना ने “गेमचेंजर” की भूमिका निभाई थी, और आगामी स्थानीय चुनावों से पहले महिला मतदाताओं की नाराज़गी से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।
इस बीच, पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाने हैं, लेकिन दिवाली बीत जाने के बावजूद कई लाभार्थी महिलाओं के खातों में अक्टूबर महीने की किस्त अभी तक नहीं आई है। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि नवंबर के पहले सप्ताह में यह राशि खातों में जमा हो जाएगी।
