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कर्ज और बारिश ने छीनी किसान महिला की जान, लक्ष्मी पूजन पर हुई मौत

बुलढाणा 24 अक्टूबर 2025 : सिंदखेड राजा तालुका के शिंदी गाँव के शिवाजी माणिकराव बुरकुल (65) ने 21 अक्टूबर को विषैला पदार्थ सेवन कर लिया। जब वे लंबे समय तक घर नहीं लौटे, तो उनके बच्चे खेत जाकर उन्हें मृत अवस्था में पाए। उन्हें बुलढाणा जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 22 अक्टूबर को उनका निधन हो गया। बुरकुल पर एक निजी पातसंस्था का तीन लाख रुपये का कर्ज था, जिसकी वसूली के लिए नोटिस भी भेजा गया था। लगातार नापिकी, बढ़ता कर्ज और अतिवृष्टि जैसी समस्याओं के बीच विवश होकर उन्होंने यह कदम उठाया।

महिला किसान की आत्महत्या:
नांदगांव खंडेश्वर तालुका के जावरा मोलवण की माला महादेव मेश्राम (52) ने भी लक्ष्मी पूजन के दिन यानी गुरुवार शाम आठ बजे आत्महत्या कर ली। उन्होंने बैंक का कर्ज लेकर खरिपात में सोयाबीन की खेती की थी। अतिवृष्टि के कारण फसल बर्बाद हो गई और कर्ज चुकाने की चिंता में उन्होंने यह कदम उठाया।

यवतमाळ:
केळापूर तालुका के सुसुरी गाँव के रवी मोतिराम गेडाम (40) ने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या की। उनकी पत्नी भाऊबीज के लिए बच्चों के साथ मायके गई हुई थीं। छोटे भाई भीमराव ने दरवाजे के अंदर से फांसी लगी देख आवाज दी, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया।

अमरावती:
मोर्शी तालुका के निंभी गाँव के राहुल यशवंत छापाने ने दिवाली के दिन विषैले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या की। उनके पास छह एकड़ जमीन थी और उन्होंने खरीप में सोयाबीन की खेती की थी। अतिवृष्टि के कारण फसल बर्बाद हो गई और कर्ज चुकाने की चिंता में उन्होंने यह कदम उठाया।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट हुआ कि अत्यधिक बारिश, बढ़ता कर्ज और कृषि संकट ने किसानों और कृषि कर्मचारियों पर गंभीर मानसिक दबाव डाला है। यह हालात ग्रामीण और कृषि समुदाय के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हैं।

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