21 अक्टूबर 2025 : दिवाली के जश्न के बीच दिल्ली और एनसीआर की हवा एक बार फिर बेहद खतरनाक हो गई है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर तक छलांग लगा दी है। कई सालों बाद पटाखों पर लगी पाबंदी को आंशिक रूप से हटाया गया, जिससे लोगों को निर्धारित समय में ग्रीन क्रैकर्स जलाने की अनुमति मिली। लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि प्रदूषण में भारी वृद्धि दर्ज की गई।
दिल्ली के अक्षरधाम और आसपास के इलाकों में AQI ‘बहुत खराब’ स्तर पार कर गया है। पूरे एनसीआर में घना स्मॉग छाया हुआ है, दृश्यता कम हो गई है और हवा साँस लेने के लिए खतरनाक हो गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों- खासकर सांस की तकलीफ या अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों को घर में रहने, बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनने और प्रदूषण के सीधे संपर्क से बचने की सलाह दी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में लगे 38 सेंसरों में से 31 ने हवा को ‘बहुत खराब’ और तीन सेंसरों ने ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज किया है। दोपहर तक दिल्ली का औसत AQI 334 रहा। ‘गंभीर’ श्रेणी वाले इलाकों में आनंद विहार (402), वजीरपुर (423) और अशोक विहार (414) शामिल हैं।
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने AQI 300 पार होने के कारण GRAP स्टेज-II सक्रिय कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दो दिन (21-22 अक्टूबर) में हवा की स्थिति और बिगड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बार केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और जलाने की अनुमति दी थी, वो भी तय समय (19-20 अक्टूबर, सुबह 6-7 बजे और रात 8-10 बजे) में। बावजूद इसके, राजधानी की हवा ने दिवाली के बाद प्रदूषण का नया रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सरकारी मानकों के अनुसार, AQI 0-50: अच्छी, 51-100: संतोषजनक, 101-200: मध्यम, 201-300: खराब, 301-400: बहुत खराब, और 401-500: गंभीर श्रेणी में मानी जाती है। वर्तमान में दिल्ली ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ स्तर के बीच झूल रही है।
