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‘क्या कहते हैं ढंगेकर, जमीनचोर निकला मुरलीधर’; जमीन हड़पने का आरोप मोहोळ ने खारिज किया, बोले…

पुणे 19 अक्टूबर 2025 : सांसद मुरलीधर मोहोळ ने जैन बोर्डिंग की जमीन खरीद के मामले में विरोधियों द्वारा लगाये गए आरोपों पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि वे चार दिन पुणे के बाहर थे और केवल खबरों के माध्यम से ही इन आरोपों के बारे में जानते हुए स्पष्टीकरण दे रहे हैं। मोहोळ ने स्पष्ट किया कि यह स्पष्टीकरण इसलिए दिया जा रहा है ताकि पुणेकरों के मन में कोई शंका न रहे — इसका उद्देश्य आरोपों का कोई प्रत्यक्ष जवाब देने से अधिक जनता को संतोष देना है।

मोहोळ ने कहा कि पुणेकरों ने उन्हें चुना है और वे उम्मीद करते हैं कि उनका सांसद अच्छा काम करे। मोहोळ ने बताया कि जैन बोर्डिंग की जमीन गोखले बिल्डर ने खरीदी है और उन पर यह आरोप लगाया गया कि वे इस लेन-देन में साझेदार थे। उन्होंने कहा कि अपनी चुनावी हलफनामा और लोकसभा में प्रस्तुत जानकारी में उन्होंने कृषि व्यवसाय, निर्माण व्यवसाय और कई कंपनियों में भागीदारी का खुलासा किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राजनेताओं को व्यवसाय नहीं करना चाहिए।

मोहोळ ने बताया कि गोखले के साथ उन्होंने 2023 में गोखले LLP और गोखले फ्यूचर LLP नामक कंपनियाँ स्थापित की थीं और ये सार्वजनिक दस्तावेज़ हैं। उन्होंने कहा कि जब वे विदेश में थे तब किसी लेन-देन का कोई भागीदार के रूप में होना संभव नहीं था। जैन बोर्डिंग के सौदे में जबकि गोखले और मोहोळ दोनों साझेदार थे, उन्होंने कहा कि 25 नवंबर 2024 को वे दोनों LLP से बाहर निकल गए थे — जिसके दस्तावेज़ उनके पास मौजूद हैं। सौदा 16 दिसम्बर को हुआ, जबकि वे 11 महीने पहले ही बाहर निकल चुके थे। जैन ट्रस्टीयों ने 20 दिसम्बर को बैठक कर जमीन देने का निर्णय लिया और 20 दिसम्बर को कई अखबारों में नोटिस प्रकाशित भी हुए थे। गोखले ने 8-10-2025 को सेल डीड (अधिकार हस्तांतरण) की। इसलिए यह सौदा उनके बाहर निकलने के बाद हुआ।

मोहोळ ने कहा कि उन्होंने जैन समुदाय या उसके सदस्यों पर कोई आरोप नहीं लगाया है और आज भी उनके साथ संवाद जारी है। उन्होंने रघु शेट्टी द्वारा लगाए गए आरोपों से पहले तथ्य की जांच करने की बात कही। उनका कहना था कि किसी भी गलत मामले के कारण किसी का राजनीतिक करियर नष्ट हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनके पास आधिकारिक दस्तावेज़ हैं और वे सभी को उपलब्ध करा देंगे। यदि उन पर कुछ गलत साबित हुआ तो वे स्वयं पद छोड़ देंगे — यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।

मोहोळ ने मुंबई में किसी नेता पर लगे 4 हजार करोड़ के बड़े आरोपों की भी निंदा की और कहा कि मुंबई में भी इतना बड़ा लेन-देन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भले ही वे पुणे से बाहर रहे हों, फिर भी पुणेकरों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बनी रही है। रघु शेट्टी द्वारा लगाये गए आरोपों को उन्होंने ‘नूरा कुस्ती’ कहा — यानी बेबुनियाद आरोप। ढंगेकर पर बोलने से मोहोळ ने इनकार किया और कहा कि ढंगेकर असफल हैं और उन्हें हर जगह खारिज किया गया है; इस पर पुष्कर आगे बोलेंगे।

मोहोळ ने कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उन पर नेताओं की स्पष्ट भूमिका है और वे सभी प्रकरणों की जानकारी रखते हैं। मुंबई में सुबह बजने वाली भोंगे की तरह कुछ लोग बातें करते हैं, पर वे ऐसे लोगों पर टिप्पणी नहीं करेंगे। मुरलीधर ने रघु शेट्टी को एक बड़े नेता कहा और उनके प्रति कोई नापसंदगी नहीं बताई।

उन्होंने यह भी कहा कि जैन बिरादरी ने मोर्चा निकाला था, पर आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहोळ ने बोलकर उठने का निर्णय लिया था और कहा कि जिस विषय के लिए प्रेस बुलायी गयी थी, उसकी सही खबर प्रकाशित नहीं हुई। अगर पुणे में कोई दोषी होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए — उन्होंने यह भी कहा कि वे निरन्तर संपर्क में हैं और निर्देश दे रहे हैं। मोहोळ ने अंत में कहा कि पुणे का नाम बड़ा है और उसे सही तरीके से बनाए रखना चाहिए।

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