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IPS पूरन कुमार के पोस्टमार्टम पर अहम अपडेट, हो सकती है नई कार्रवाई

चंडीगढ़ 14 अक्टूबर 2025 : वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत को लेकर मामला अब और गंभीर हो गया है। घटना के 7वें दिन भी प्रशासन और पुलिस पोस्टमार्टम नहीं करवा पाई, क्योंकि मृतक की पत्नी अमनीत पी. कुमार और परिजन इसके लिए तैयार नहीं हुए। अब पुलिस कानूनी प्रक्रिया के तहत पोस्टमार्टम करवाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, किसी भी संदिग्ध मौत के मामले में पोस्टमार्टम बेहद ज़रूरी होता है। 

अगर परिवार सहमति नहीं देता है तो जांच टीम सीआरपीसी की धारा 174 और 175 के तहत पोस्टमार्टम करवा सकती है या फिर मजिस्ट्रेट से आदेश ले सकती है। जांच टीम के लिए घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों का विश्लेषण भी अहम है। परिवार की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि जब तक हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और तत्कालीन एसपी रोहतक को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे पोस्टमार्टम के लिए राज़ी नहीं होंगे।

पीजीआई में होगा पोस्टमार्टम, मौजूद रहेंगे कई अधिकारी
पीजीआई चंडीगढ़ में डॉक्टरों की एक टीम की ओर से बॅलिस्टिक विशेषज्ञ, मजिस्ट्रेट और परिवार के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया जाएगा। परिवार ने भी यही मांग रखी है। बैलिस्टिक जांच यह तय करने में अहम होगी कि क्या घटनास्थल से बरामद गोली और कारतूस उसी हथियार से चलाए गए थे जो आईपीएस अधिकारी के पास था। हालांकि घटना को 6 दिन से ज़्यादा बीत चुका है और शव में सड़न शुरू हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब बारूद के कणों या अन्य फॉरेंसिक नमूनों को जुटाना मुश्किल हो सकता है। ये नमूने गोली की रेंज और मौत के कारण का पता लगाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

एसआईटी कर रही कॉल डिटेल की जांच
चंडीगढ़ पुलिस ने आईपीएस वाई. पूरन कुमार की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से कई अहम सुराग जुटाए हैं। बताया जा रहा है कि मौत से पहले उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों, वकील और कुछ परिचितों को कई कॉल की थीं। एसआईटी अब इन सभी लोगों से पूछताछ करेगी ताकि पता चल सके कि क्या किसी तरह का दबाव, तनाव या विवाद उनकी आत्महत्या का कारण बना।

फॉरेंसिक जांच के लिए जरूरी लैपटॉप
पूरन कुमार के लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इस लैपटॉप में मौजूद ईमेल्स और फिंगरप्रिंट्स से यह पता लगाया जाएगा कि जो सुसाइड नोट टाइप किया गया वह वास्तव में उन्होंने ही लिखा था या नहीं। फिलहाल परिवार ने पुलिस को लैपटॉप नहीं सौंपा है।

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