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भारत की ‘ब्लैक कैट्स’ NSG : सुरक्षा की अदृश्य ढाल, स्थापना और खासियत जानें

 14 अक्टूबर 2025 : देश की सबसे विशेष और अत्याधुनिक कमांडो यूनिट नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) 14 अक्टूबर को अपना 39वां स्थापना दिवस (Raising Day) मनाने जा रही है। इस मौके पर फोर्स अपने अत्याधुनिक हथियारों, मॉडर्न टैक्नोलॉजी, और नई ऑपरेशनल रणनीतियों का प्रदर्शन करेगी। इस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।

 क्यों बनाई गई थी NSG?

NSG का गठन 16 अक्टूबर 1984 को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1986 (National Security Guard Act, 1986) के तहत किया गया था। इसकी जरूरत 1980 के दशक में देश में बढ़ते आतंकवाद, बंधक संकटों (Hostage Situations) और हाई-रिस्क ऑपरेशन्स से निपटने के लिए महसूस की गई थी, खासकर ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984) और उसके बाद की घटनाओं के बाद। NSG को इस मकसद से तैयार किया गया कि देश में अगर कहीं आतंकवादी हमला, विमान अपहरण, या बंधक स्थिति पैदा हो, तो यह फोर्स “टाइम-बाउंड एक्शन” के साथ सबसे खतरनाक मिशन को भी पूरा कर सके।

क्यों कहा जाता है ‘ब्लैक कैट्स’?

NSG कमांडो अपने ब्लैक यूनिफॉर्म, फेस मास्क और बुलेटप्रूफ गियर के कारण ‘ब्लैक कैट्स’ कहलाते हैं। इनकी पहचान है  तेज़ी, अनुशासन, और सटीकता (Speed, Skill, Precision)। हर कमांडो को देश की सबसे कठिन ट्रेनिंग दी जाती है जहां 1,000 उम्मीदवारों में से केवल 100 ही चयनित हो पाते हैं।

ऑपरेशनल रोल और उपलब्धियां

एनएसजी ने अब तक कई ऐतिहासिक मिशन अंजाम दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • ऑपरेशन ब्लैक थंडर (1988) — अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में आतंकवादियों को खत्म किया गया।
  • ऑपरेशन विजय (1999) — कारगिल युद्ध के दौरान विशेष सुरक्षा अभियानों में सहयोग।
  • 26/11 मुंबई हमला (2008) — ताज होटल, नरीमन हाउस और ओबेरॉय होटल से आतंकवादियों का सफाया।
  • पठानकोट एयरबेस ऑपरेशन (2016) — पाकिस्तान से आए आतंकवादियों का खात्मा।

इन अभियानों ने NSG की दक्षता और वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दोनों को मजबूत किया।

NSG का संगठन और हब्स

  • मुख्यालय (HQ): मानेसर, हरियाणा
  • रीजनल हब्स: मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और गांधीनगर
    इन हब्स का उद्देश्य है देश के किसी भी हिस्से में मिनटों में NSG की तैनाती सुनिश्चित करना।

फोर्स में दो मुख्य ग्रुप हैं:

  1. स्पेशल एक्शन ग्रुप (SAG) — ऑपरेशन में जाने वाले असली कमांडो
  2. स्पेशल रेंजर ग्रुप (SRG) — वीवीआईपी सुरक्षा और सपोर्ट यूनिट

आधुनिक तकनीक और भविष्य की दिशा

NSG लगातार AI-सक्षम निगरानी तकनीक, ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम, और स्मार्ट वेपनरी को अपने ऑपरेशन्स में शामिल कर रही है। फोर्स का लक्ष्य है — “Zero Casualty Operations” यानी किसी भी मिशन में नुकसान को न्यूनतम रखना। नई टेक्नोलॉजी जैसे नाइट विज़न सिस्टम्स, स्मार्ट बॉडी आर्मर, रोबोटिक सर्विलांस ड्रोन, और साइबर-वारफेयर ट्रेनिंग पर भी NSG तेजी से काम कर रही है।

 वीवीआईपी सुरक्षा और अन्य जिम्मेदारियां

NSG सिर्फ आतंकवाद-रोधी बल नहीं है, बल्कि देश के प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं की सुरक्षा भी इसी के हाथों में है। इन कार्यों को स्पेशल रेंजर ग्रुप (SRG) संभालता है। फोर्स देश और विदेश दोनों में प्रशिक्षण अभियानों के माध्यम से अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ा रही है।

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