12 अक्टूबर 2025 अतिवृष्टि से खराब हुई जमीन के लिए किसानों को मनरेगा के माध्यम से साढ़े तीन लाख रुपये सहायता देने की घोषणा राज्य सरकार ने की है। इसके तहत शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार से यह मांग की है कि दिवाली से पहले किसानों के खातों में एक लाख रुपये जमा किए जाएं।
उद्धव ठाकरे ने इस सहायता पैकेज को फर्जी बताते हुए कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा पैकेज नहीं बल्कि अब तक की सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता मिले और किसानों का कर्ज माफ किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि जिन किसानों के पचास हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई है, उन्हें यह सहायता आसानी से नहीं दी जाएगी, इसके लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
क्रांति चौक से मोर्चा शुरू हुआ, जिसमें मराठवाड़ा के विभिन्न जिलों से आए किसान शामिल हुए और उद्धव ठाकरे खुद पूरे मोर्चे में शामिल रहे। मोर्चा गुलमंडी पर पहुंचा, जहां उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को मनरेगा के तहत साढ़े तीन लाख रुपये की सहायता दी जानी चाहिए, जिसमें से एक लाख रुपये दिवाली से पहले किसानों के खातों में जमा किए जाएं।
उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में दो दिन रहे लेकिन किसानों के लिए कोई घोषणा नहीं की। वहीं बिहार में चुनावों के कारण वहां महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार की महिलाओं को सहायता दी जा सकती है, तो पूरे देश की महिलाओं को भी इसी तरह की मदद मिलनी चाहिए।
इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार पर उपमुख्यमंत्री पद को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष के नेता को अभी तक विधानसभे में नहीं नियुक्त किया गया। नियमों के अनुसार अगर विपक्ष का नेता नियुक्त नहीं किया जाता, तो दो उपमुख्यमंत्री कैसे नियुक्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों उपमुख्यमंत्रियों के पद हटा कर उन्हें साधारण मंत्री बना देना चाहिए।
