मुंबई 09 अक्टूबर 2025 : बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था द्वारा रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया, जिससे जरूरतमंद लोगों को समय रहते रक्त दिया जा सके. पूज्य महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा से यह संस्था विश्व भर में सेवा का प्रतीक बनी हुई है. हाल ही में मुंबई, नासिक और पुणे में आयोजित रक्तदान शिविरों ने शिविरों में 11,47,600 सीसी रक्त इकट्ठा किया. हजारों स्वयंसेवकों ने इसमें हिस्सा लिया, जिनका अनुशासन और समर्पण देखते ही बनता है.
डॉ. पुरी और डॉ. किशोर कुमार झा जैसे विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में ये शिविर न केवल चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं, बल्कि रक्तदान को आत्मिक सेवा का रूप देते हैं. बीएपीएस का कहना है कि रक्त वह अनमोल है, जिसे कोई मशीन नहीं बना सकती. बीएपीएस का सेवा इतिहास गौरवशाली है. दो साल पहले अहमदाबाद में प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी समारोह में 30 दिनों में 59 लाख सीसी रक्त एकत्र हुआ, जो विश्व रिकॉर्ड है. 55,000 से अधिक स्वयंसेवक हर साल 1.5 करोड़ घंटे से ज्यादा सेवा करते हैं. इनमें महिला स्वयंसेवकों की भूमिका विशेष रूप से प्रेरक है.
चिकित्सा क्षेत्र में भी बीएपीएस का योगदान खास है. संस्था के छह अस्पताल सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा, बोताड, डाभोई और मुंबई में लाखों लोगों को कम लागत पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं. 14 मोबाइल मेडिकल वैन ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार, विशेषज्ञ परामर्श और आपातकालीन सेवाएं दे रही हैं.
कोविड-19 महामारी में बीएपीएस ने ऑक्सीजन, मास्क और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान कर हजारों लोगों की जान बचाई. महंत स्वामी महाराज का कहना है, “सेवा ही साधना है, और मानवता ही धर्म” बीएपीएस की यह भावना समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणा है. यह संस्था न केवल हिंदू समाज, बल्कि पूरी मानवता के लिए सेवा का आदर्श बन चुकी है.
