मुंबई 09 अक्टूबर 2025 केन्द्र सरकार देश में सीमेंट उद्योग का बाजार बढ़ाने और इससे होने वाले प्रदूषण को कम कर इको फ्रेंडली बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसमें वाणिज्य मंत्रालय समेत कई मंत्रालय इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े उद्योगों का लगातार सहयोग कर रहे हैं, जिससे जीडीपी को बढ़ाने में मदद मिल सके. इसी क्रम में वाणिज्य मंत्रालय के सहयोग मुंबई के बॉम्बे एक्जीबिशन सेंटर वर्ल्ड ऑफ कॉन्क्रीट इंडिया द्वारा एक्सपो का आयोजन किया गया, जो 10 अक्तूबर तक चलेगा. इसमें 350 से अधिक ब्रांड शामिल हुए हैं.
केन्द्र सरकार भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के एक्सपो का आयोजन करा रहा है. जिसमें कोरिया, चीन, अमेरिका, स्पेन और जर्मनी जैसे तमाम देश नई नई तकनीकों के साथ शामिल हुए हैं. वे प्रदूषण को कम करने के लिए तरह-तरह के सुझाव दे रहे हैं. इस मौके पर महाराष्ट्र स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ. बृजेश दीक्षित ने कहा कॉन्क्रीट बुनियादी ढांचे की नींव है, लेकिन इसे समझने की जरूरत है. यह एक्सपो सीमेंट निर्माताओं, उपकरण आपूर्तिकर्ताओं और प्रोजेक्ट विशेषज्ञों को नए आइडिया साझा करने और क्वालिटी सुधारने का मौका देता है, जो देश की जीडीपी और रोजगार में बड़ा योगदान देता है.
बृहन्मुंबई नगर निगम के डॉ. विशाल रमेश थोंबरे ने बताया कि जियोपॉलीमर कॉन्क्रीट, इको-फ्रेंडली सामग्री और निर्माण में कूड़ा प्रबंधन जैसी तकनीकों का परीक्षण कर रहे हैं, जो भारी बारिश और वाहनों के भार को झेल सकें.इस तरह की सड़कें 100 साल तक चलेंगी.
वहीं, आयोजन एक्सपो के आयोजक इंफॉर्मा मार्केट्स के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा कि निर्माण और इंफ्रा क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अहम हैं. सीमेंट उद्योग 6 फीसदी प्रदूषण का कारण है, इसलिए पर्यावरण-अनुकूल समाधान जरूरी है. भारतीय ग्रीन सीमेंट बाजार 2.31 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 तक 3.28 अरब डॉलर हो जाएगा. कुल सीमेंट बाजार का मूल्य 24 अरब डॉलर से 2030 तक 35 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. इस तरह के एक्सपो से लक्ष्य को आसानी से पूरा किया जा सकता है.
