सोलापुर 03 अक्टूबर 2025 : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं। पंढरपुर के विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में हर साल आषाढ़ी एकादशी और कार्तिकी एकादशी पर लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। परंपरा के अनुसार, आषाढ़ी एकादशी पर राज्य के मुख्यमंत्री पूजा करते हैं, जबकि कार्तिकी एकादशी पर उपमुख्यमंत्री पूजा करते हैं।
लेकिन इस बार राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होने के कारण यह बड़ा पेच फंसा था कि कार्तिकी एकादशी की पूजा का मान किसे दिया जाए — उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या अजित पवार को?
इस मुद्दे पर मंदिर समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि विधि और न्याय विभाग से मार्गदर्शन लिया जाए। विभाग की राय के बाद यह स्पष्ट हुआ कि इस बार कार्तिकी एकादशी की पूजा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे करेंगे। इस तरह लंबे समय से चल रहा विवाद सुलझ गया है।
मंदिर समिति अब एकनाथ शिंदे को आधिकारिक निमंत्रण देने जा रही है। हालांकि, कार्तिकी एकादशी 1 नवंबर को है, और यदि इस दौरान स्थानीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लागू हुई, तो चुनाव आयोग से अनुमति लेकर ही पूजा कराई जाएगी।
इस निर्णय से यह भी तय हो गया कि अजित पवार को इस वर्ष भी पूजा करने का अवसर नहीं मिलेगा। पिछली बार 2023 में भी जब दो उपमुख्यमंत्री थे, तब देवेंद्र फडणवीस ने यह पूजा की थी।
यदि इस वर्ष भी आचार संहिता लागू होती है, तो चुनाव आयोग की अनुमति से उपमुख्यमंत्री ही पूजा कर सकेंगे — जैसा 2017 में मंत्री चंद्रकांत पाटिल के साथ हुआ था।
संक्षेप में, विधि और न्याय विभाग के निर्णय के अनुसार, इस वर्ष कार्तिकी एकादशी की महापूजा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों संपन्न होगी।
