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“एक के हिस्से से निकालकर दूसरे को देंगे…”: मराठा-ओबीसी आरक्षण विवाद पर धनंजय मुंडे का सख्त रुख

अहिल्यानगर 02 अक्टूबर 2025 : राज्य में पिछले कुछ महीनों से विभिन्न समाजों के आरक्षण का मुद्दा सुर्खियों में है और इस विषय पर राजनीतिक वातावरण भी गरमाया हुआ है। इसी बीच आज अहिल्यानगर जिले के सावरगांव में दशहरा मेले के दौरान, भाजपा नेता और मंत्री पंकजा मुंडे की प्रमुख उपस्थिति में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और विधायक धनंजय मुंडे ने अपने विचार सार्वजनिक रूप से व्यक्त किए।

धनंजय मुंडे ने कहा कि “हम मराठा आरक्षण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन किसी अन्य समाज के हिस्से से निकालकर इसे तीसरे समाज को देना उचित नहीं है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वे स्वयं विद्यार्थी आंदोलन से जुड़े रहे हैं और हर समाज के आरक्षण संघर्ष में भाग लेते आए हैं।

धनंजय मुंडे ने उदाहरण देते हुए कहा, “हाल ही में हुई एमपीएससी परीक्षा के परिणामों में मराठा समाज को पहले मिलने वाले ईडब्ल्यूएस आरक्षण से भी ओबीसी समाज के उम्मीदवारों का मेरिट अधिक था। तो सवाल उठता है कि आप किसे गुमराह कर रहे हैं? केवल अपनी कुर्सी पाने के लिए कुछ लोगों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “मराठा समाज के बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार की जो सुविधाएं सरकार ने दी हैं, वो अभी भी दी जा रही हैं। मराठा समाज को आरक्षण मिला है और हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी अन्य समाज के हिस्से से इसे निकालकर देने की बात स्वीकार्य नहीं है।”

धनंजय मुंडे ने बीड जिले में पिछले कुछ महीनों से बढ़ते जातीय तनाव पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “बीड में दो जातियों के बीच मित्रता खत्म हो गई है। एक जाति का व्यक्ति दूसरे जाति के व्यक्ति की ओर नहीं देखता। हमें इस जातिगत और धार्मिक द्वेष को समाप्त करना होगा।”

धनंजय मुंडे की यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से मराठा और ओबीसी आरक्षण विवाद में संतुलन बनाए रखने और सामाजिक सौहार्द कायम रखने की दिशा में एक मजबूत संदेश है।

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