20 सितंबर 2025 : अभिजीत दराडे, पुणे: पुणे महापालिका में नए गांवों के शामिल होने के बाद शहर की भौगोलिक सीमा काफी बढ़ गई है। शिक्षा, आईटी, ऑटोमोबाइल और औद्योगिक केंद्र के रूप में पुणे की पहचान है और वर्तमान में इसकी जनसंख्या लगभग 70 लाख के करीब पहुँच गई है। इतने बड़े शहर में सिर्फ साढ़े आठ हजार पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं, जिससे अपराध, यातायात जाम और नागरिकों की सुरक्षा पर भारी दबाव है। खासकर पुणे में अपराध की दर लगातार बढ़ रही है, गोलीबारी, गैंग वार और कोयता गैंग जैसी घटनाएँ गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं।
इस स्थिति में पुणे पुलिस की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। पुणे पुलिस दल में अब 1,720 पदों को भरने का निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति से जल्द ही मंजूरी मिलने वाला है। यह पिछले कुछ वर्षों में पुणे पुलिस दल की सबसे बड़ी भर्ती होगी।
कानून का सख्ती से पालन और अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुणे पुलिस आयुक्तालय ने पांच नए थानों की मांग राज्य सरकार से की थी। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों के प्रयास के बाद गृह विभाग ने मंजूरी दे दी है। नए थाने हैं: मांजरी, लोहगांव, येवलेवाड़ी, नर्हे और लक्ष्मीनगर।
विभाजन के अनुसार:
- कोंढावा थाना से येवलेवाड़ी थाना बनाया जाएगा।
- सिंहगड़ थाना से नर्हे थाना बनाया जाएगा।
- येरवड़ा थाना से लक्ष्मीनगर थाना बनाया जाएगा।
- विमानतल थाना से लोहगांव थाना बनाया जाएगा।
- हडपसर थाना से मांजरी थाना बनाया जाएगा।
इस भर्ती में 830 नए पद बनाए जाएंगे और शेष रिक्त पदों को पुरानी रिक्तियों से भरा जाएगा। साथ ही दो नए विभागीय परिमंडलों को मंजूरी दी गई है। इसके तहत दो उपायुक्त, चार सहायक आयुक्त, पांच वरिष्ठ निरीक्षक, पांच निरीक्षक और विभिन्न स्तर के अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। मंत्रिमंडल की तात्त्विक मंजूरी मिल चुकी है और उच्चाधिकार समिति से जल्द ही अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है।
