20 सितंबर 2025 : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से एक दर्दनाक और खौफनाक घटना सामने आई है। जहां डांट खाने से नाराज टोल कर्मचारियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर सहायक मैनेजर अरविंद पांडे (30) का पहले अपहरण किया, फिर बेरहमी से हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को 3 घंटे के अंदर पकड़ लिया, जिनमें से 2 मुठभेड़ में घायल हुए हैं
क्या है पूरा मामला?
घटना दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित छपार टोल प्लाजा की है। यह टोल प्लाजा रालोद नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनोद मलिक के अधीन बताया जा रहा है। गुरुवार देर रात करीब 2 बजे, टोल के मुख्य मैनेजर मुकेश चौहान और सहायक मैनेजर अरविंद पांडे टोल प्लाजा से कुछ दूरी पर स्थित एक गेस्ट हाउस में आराम कर रहे थे। तभी 5-6 लोगों की टोली, जो कार में सवार थी, वहां पहुंची। उन्होंने किसी तरह गेट खुलवाया और अंदर घुसकर दोनों पर डंडों, रॉड और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। हमले में दोनों घायल हो गए। इसी बीच अरविंद पांडे को जबरन कार में डालकर अगवा कर लिया गया।
हत्या के बाद मेरठ में मिला शव
अगवा किए गए अरविंद पांडे का शव शुक्रवार शाम मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र, गांव भोला के पास गंगनहर पटरी पर पड़ा मिला। शव पर कई जगह धारदार हथियारों के निशान थे, जिससे साफ है कि उनकी बेरहमी से हत्या की गई।
पुलिस ने दिखाई तत्परता, मुठभेड़ में आरोपी घायल
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि मुख्य मैनेजर मुकेश चौहान की तहरीर पर हत्या और अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली और गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाईं। शुक्रवार देर रात छपार थाना क्षेत्र में पुलिस और आरोपियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में 2 आरोपी गोली लगने से घायल हो गए, जबकि एक आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से दो तमंचे और एक कार भी बरामद हुई है।
क्यों हुई हत्या?
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि अरविंद पांडे और मुकेश चौहान ने ड्यूटी में लापरवाही पर कुछ कर्मचारियों को डांटा था। इसी बात से नाराज होकर दो कर्मचारियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर योजना बनाकर हमला और हत्या की।
