14 सितंबर 2025 : एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है. शिंदे गुट का कहना है कि उद्धव ठाकरे को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
पार्टी ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब भी तनावपूर्ण रिश्तों के बावजूद दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच होते रहे. उद्धव ठाकरे ने इससे पहले कहा था कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना भारतीय सैनिकों के बलिदान का अपमान है और इस मैच का बहिष्कार किया जाना चाहिए.
सत्ता पाने के लिए हिंदुत्व को त्यागा- नरेश म्हास्के
शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने सत्ता पाने के लिए हिंदुत्व को त्याग दिया और पाकिस्तान की प्रशंसा की है. कांग्रेस के समय भी भारत-पाकिस्तान के बीच मैच होते रहे, इसलिए उद्धव अब अचानक विरोध नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि NDA सरकार की पाकिस्तान को लेकर नीति साफ है– आतंकवाद बंद होने तक सौहार्दपूर्ण संबंध संभव नहीं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट व नीति पर शिवसेना की सफाई
शिवसेना प्रवक्ता ने बताया कि एशिया कप या विश्व कप जैसे टूर्नामेंटों में भारत-पाकिस्तान मैच लंबे समय से होते आए हैं, यह किसी नीति में बदलाव का संकेत नहीं है. आईपीएल के दरवाजे अभी भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए बंद हैं. उनका कहना है कि ठाकरे का यह बयान केवल राजनीतिक स्टंट है. साथ ही उन्होंने उद्धव ठाकरे के राजनीतिक गठबंधन पर सवाल उठाए कि जिन दलों के खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा, उन्हीं के साथ सत्ता में बैठना ‘निर्लज्जता’ के समान है.
मैच बहिष्कार से दें संदेश- उद्धव ठाकरे
वहीं मुंबई उद्धव ठाकरे इस मैच के विरोध में खड़े हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एशिया कप में 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच का बहिष्कार करना चाहिए ताकि दुनिया को आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति का संदेश मिल सके. उन्होंने बीजेपी नीत केंद्र सरकार से पूछा कि क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोक दिया गया है और देशभक्तों से अपील की कि वे मैच न देखें. ठाकरे ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के घाव अब भी ताजा हैं और ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना राष्ट्रीय भावनाओं का अपमान है.
