09 सितंबर 2025 : हैदराबाद गजटियर के अनुसार मराठा समाज को कुंभी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शासन तुरंत शुरू करे। जो मराठा वंशावली में पहले से दर्ज हैं और जो दर्ज नहीं हैं, उन्हें 17 सितंबर से पहले प्रमाणपत्र जारी किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो नारायणगड़ के दशहरा मेले में सरकार के खिलाफ भूमिका स्पष्ट की जाएगी, यह चेतावनी मनोज जरांगे ने दी है।
जरांगे ने अंतरवाली सराटी (ता. अंबड) जाने से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि हैदराबाद गजटियर के अनुसार मराठा समाज के लिए जारी ‘जीआर’ ने सभी को आश्चर्यचकित किया। इसमें उल्लिखित शब्दों को देखकर कई लोगों की नींद उड़ गई। उन्होंने कहा, “इस जीआर के जरिए पूरे मराठवाड़ा को आरक्षण मिलेगा। विजयोपराजय को पचाना सीखना होगा। हैदराबाद और सातारा गजटियर के अनुसार सभी को आरक्षण मिले, फिर खुशी मनाई जाएगी।”
जरांगे ने जोर देकर कहा कि गजटियर की तात्कालिक अमल और नोंद नहीं होने पर दशहरा मेले में सरकार विरोधी भूमिका अपनाई जाएगी। 17 सितंबर से पहले कुंभी प्रमाणपत्र जारी करना आवश्यक है। प्रत्येक गांव के मराठों और जिनके नाम नहीं हैं, उन्हें भी प्रमाणपत्र मिलना चाहिए। आरक्षण का विजय कई लोगों को सहन नहीं हो रहा, इसलिए त्रुटियों को निकाल रहे हैं। अगर जीआर में कोई शब्द गलत है, तो सरकार उसे सुधारें। उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के मराठों को आरक्षण मिलेगा, और जीआर में बदलाव होने पर 1994 का जीआर भी रद्द होगा।
साथ ही, गंगाधर काळकुटे ने मराठा आरक्षण से संबंधित हैदराबाद गजटियर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय, मुंबई उच्च न्यायालय और औरंगाबाद खंडपीठ में ‘कॅव्हेट’ दाखिल की है। उनका कहना है कि मराठा समाज की राय लिए बिना शासन निर्णय को स्थगित या रद्द नहीं किया जाना चाहिए। यह संबंधित दस्तावेज आंदोलन के नेता मनोज जरांगे के पास हैं।
