पुणे 08 सितंबर 2025 लक्ष्मी रोड पर गणपति विसर्जन मिरवणुकी में इस बार प्रशासन ने ढोल-ताशा और स्पीकर पर लगाए गए नियमों की वजह से दिन में ध्वनि प्रदूषण पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया। हालांकि, रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक कड़े नियम लागू होने के बावजूद कई चौकों पर अलग-अलग पथकों के प्रदर्शन के दौरान आवाज की तीव्रता 100 डेसिबल से अधिक दर्ज की गई। कुल 24 घंटों में लक्ष्मी रोड की औसत ध्वनि पातळी 92.6 डेसिबल मापी गई।
कैसे हुआ सर्वेक्षण?
इस बार भी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (COEP) के छात्रों ने विसर्जन मिरवणुकी के दौरान 24 घंटे का ध्वनि सर्वे किया। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) ने पहले से ही गणेश मंडलों को आवाज की मर्यादा के फलक लगाकर जागरूक किया था और प्रशासन ने बैठकों में सख्त निर्देश भी दिए थे। लेकिन मिरवणुकी में कई मंडलों ने इन नियमों का पालन नहीं किया, यह सर्वे के आंकड़ों से स्पष्ट हुआ।
पिछले वर्षों की तुलना (लक्ष्मी रोड पर औसत ध्वनि स्तर):
- 2022 : 105.2 डेसिबल
- 2023 : 101.3 डेसिबल
- 2024 : 94.8 डेसिबल
- 2025 : 92.6 डेसिबल
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की 27 अगस्त से 2 सितंबर तक की रिपोर्ट:
- शहर के 200 मंडलों के आसपास ध्वनि स्तर मापा गया।
- कुछ जगहों पर पिछले साल की तुलना में ध्वनि पातळी घटी, जबकि कुछ क्षेत्रों में बढ़ी।
- मुख्य विसर्जन दिन पर कुछ जगहों पर अधिकतम 99.8 डेसिबल दर्ज हुआ।
- औंध, वाकड रोड पर ऋषी चौक का शोर स्तर कम पाया गया।
- जुना बाजार चौक पर रात का शोर 6 डेसिबल घटा।
- सोन्या मारुती चौक पर दिन का शोर 11 डेसिबल बढ़ा।
- लक्ष्मीनगर चौक और संत कबीर चौक पर भी 2.5 से 6 डेसिबल की वृद्धि दर्ज हुई।
