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एंबुलेंस न मिलने पर ई-रिक्शा में बेटी का शव ले गया पिता, सिस्टम की बेरुखी से टूटा परिवार

02 सितंबर 2025 : इटावा जिले के इकदिल थाना क्षेत्र के ग्राम मनियांमऊ में शुक्रवार को 14 वर्षीय किशोरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बच्ची को कुछ दिनों से बुखार था और उसका इलाज एक प्राइवेट क्लीनिक में चल रहा था। लेकिन शुक्रवार को अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे तुरंत पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।

इलाज के दौरान हुई मौत
परिजन किशोरी को पहले प्राइवेट डॉक्टर के पास ले गए, फिर हालत बिगड़ने पर उसे बकेवर स्थित पचास शैय्या अस्पताल पहुंचाया गया। वहां चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय मौर्य ने किशोरी को मृत घोषित कर दिया।

शव वाहन नहीं मिला, ई-रिक्शा से ले जाना पड़ा शव
दुख की बात ये रही कि अस्पताल में शव वाहन (डेड बॉडी वैन) उपलब्ध नहीं था। डॉक्टर अजय मौर्य ने कहा कि शव वाहन बुलाने में काफी समय लग रहा था, इसलिए परिजनों ने शव को ई-रिक्शा में रखकर अपने घर ले जाने का फैसला किया।

क्या बोले पिता?
किशोरी के पिता शिवदयाल ने बताया कि उनकी बेटी मया पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। इलाज चल रहा था, लेकिन शुक्रवार को अचानक उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई। परिवार तुरंत उसे अस्पताल लेकर गया, लेकिन डॉक्टर्स  उसे बचा नहीं पाए।

सिस्टम पर उठे सवाल
इस घटना ने स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था और अस्पताल की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर तो गंभीर हालत में लाए गए मरीज की मौत हो गई, दूसरी ओर शव को ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस या शव वाहन उपलब्ध नहीं था। मजबूरी में परिजनों को शव को ई-रिक्शा से घर ले जाना पड़ा।

प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने मामले की जानकारी ली है। अस्पताल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी गरीब परिवार को दोबारा इस तरह की शर्मिंदगी और तकलीफ ना झेलनी पड़े।

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