मुंबई 31 अगस्त 2025 : लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए अहम मानी जाने वाली ई-बाइक टैक्सी नीति अभी राज्य सरकार ने तय नहीं की है, इसके बावजूद मुंबई में धड़ल्ले से बाइक टैक्सियां दौड़ रही हैं। बिना अनुमति चल रही ऐसी 57 बाइक टैक्सियों पर परिवहन विभाग ने कार्रवाई की और चालकों से डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना वसूला है। रैपिडो, ओला और ऊबर जैसी कंपनियों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी, ऐसी जानकारी परिवहन विभाग ने दी।
राज्य सरकार ने सभी कंपनियों की बैठक लेकर सेवा लाइसेंस मिलने तक यात्री परिवहन बंद करने के निर्देश दिए हैं। संबंधित एग्रीगेटर कंपनियों ने इस संबंध में हलफनामा भी जमा किया है। लेकिन हकीकत यह है कि शहर की कई सड़कों पर अभी भी बाइक टैक्सियां दौड़ रही हैं। शुक्रवार को शहर में विशेष अभियान चलाकर 57 बाइक टैक्सियों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई और डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। नियमों का उल्लंघन कर यात्री परिवहन करने वाली कंपनियों के खिलाफ आगे भी इसी तरह की कार्रवाई होती रहेगी। वर्तमान में केवल ई-बाइक टैक्सियों को ही अनुमति है और वह भी तभी जब वे सभी शर्तों का पालन करते हुए सरकार का लाइसेंस प्राप्त करें।
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने विभाग को आदेश दिया है कि—
“नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी वाहनधारकों और एग्रीगेटर कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखें। सरकार के आदेशों का बार-बार उल्लंघन करने वाली कंपनियों के लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिए जाएं।”
रोजगार पर खतरे की आशंका
राज्य सरकार ने बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ई-बाइक टैक्सी को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। हालांकि, रिक्शा संघटनों ने ई-बाइक टैक्सी का विरोध किया है और इसके कारण समिति के सामने रखे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने एकतरफा फैसला लेते हुए ई-बाइक टैक्सी की अनुमति दी, जबकि पहले रिक्शा संघटनों से चर्चा करना जरूरी था।
संघटनों का मानना है कि अगर ई-बाइक टैक्सी और बाइक पूलिंग को बढ़ावा मिला तो राज्य के लगभग 15 लाख रिक्शा चालकों का रोजगार खतरे में पड़ जाएगा। इसी कारण से रिक्शा यूनियन का विरोध जारी है।
