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विरार बिल्डिंग हादसा: नोटिसों की अनदेखी बनी जानलेवा, 17 लोगों ने गंवाई जान

पालघर 31 अगस्त 2025 : विरार पूर्व के रमाबाई अपार्टमेंट इस चार मंजिला भवन को 2020 में वसई-विरार महापालिका की ओर से मरम्मत का नोटिस जारी किया गया था, यह जानकारी पुलिस को गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में मिली है। लेकिन इसके बावजूद इमारत की कोई मरम्मत नहीं की गई और नोटिसों की अनदेखी की गई, जिसका नतीजा हाल ही में हुई दुर्घटना से साफ दिख रहा है। अगर उस समय नोटिस पर ध्यान देकर मरम्मत कर दी जाती तो यह हादसा टल सकता था।

मंगलवार रात विरार के विजयनगर इलाके में स्थित रमाबाई अपार्टमेंट का कुछ हिस्सा गिर गया, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई जबकि 9 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इमारत बिना अनुमति और घटिया निर्माण सामग्री से बनाई गई थी, जिसके चलते पालिका ने बिल्डर और भू-मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर 5 लोगों को गिरफ्तार किया। शुरुआत में बिल्डर नितल साने को पुलिस ने गिरफ्तार कर जांच शुरू की थी। बाद में केस की जांच विरार पुलिस से अपराध शाखा कक्ष-3 को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि 2020 में इमारत की मरम्मत का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी इसे नजरअंदाज कर दिया गया। अगर 5 साल पहले ही मरम्मत कर दी जाती तो यह हादसा नहीं होता और मासूम लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती, ऐसी प्रतिक्रिया स्थानीय नागरिकों ने दी।

आरोपी भेजे गए जेल

रमाबाई अपार्टमेंट बिना पालिका की अनुमति के अवैध रूप से बनाया गया था। इस मामले में पालिका की शिकायत पर विरार पुलिस ने केस दर्ज किया और 5 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें जमीन मालिक शुभांगी भोइर (38), संध्या पाटिल (35), सुरेंद्र भोइर (46) और मंगेश पाटिल (35) को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। वहीं बिल्डर नितल साने को अदालत में पेश करने पर उसकी पुलिस हिरासत 6 दिन के लिए बढ़ा दी गई।

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