ठाणे 21 अगस्त 2025 : शहापूर तालुका की आदिवासी युवती हाली बरफ ने 2012 में कम उम्र में अपनी बहन को बाघ के हमले से बचाया था। इस साहसिक कार्य को देखते हुए उन्हें 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा ‘राष्ट्रीय शौर्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। हाली की वीरता को महाराष्ट्र के स्कूल पाठ्यक्रमों में भी शामिल किया गया था।
शहापूर तालुका के नंदगांव के जमना पाडा की 15 वर्षीय हाली ने बिना डर के बाघ के पंजे से अपनी बहन को बचाया। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय वीरबाला शौर्य पुरस्कार से नवाजा गया।
हालांकि, पुरस्कार मिलने के बाद उन्हें समाज का पर्याप्त ध्यान नहीं मिला। श्रमजीवी संगठन के संस्थापक विवेक पंडित की पहल पर हाली बरफ को एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प, शहापूर के तहत खर्डी स्थित लड़कियों के वस्तीगृह में रोज़गार दिया गया। इससे पहले उन्होंने पेंढरघोळ के सरकारी आश्रम स्कूल और शहापूर के सरकारी लड़कियों के वस्तीगृह में भी सेवाएं दी हैं।
वर्तमान में, महाराष्ट्र की इस वीरबाला के बेरोजगार होने पर श्रमजीवी संघटना ने उन्हें स्थायी रोजगार देने की मांग उठाई है।
