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पंजाब के उद्योगपति संकट में, अफसरों के दबाव से बढ़ी चिंता

लुधियाना 21 अगस्त 2025 पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) के अधिकारियों द्वारा ए.पी.सी.डी. (सैंपलिंग) के नाम पर कारोबारियों को परेशान करने का मामला लगातार बढ़ रहा है। आर.ओ. 2 (दिल्ली रोड, ढंडारी कलां, ग्यासपुरा, कंगनवाल, साहनेवाल और डेहलों रोड) क्षेत्र के अधिकारी सुबह फैक्टरियों में जाकर सैंपल भरते हैं और कई बार कारोबारियों को डराया-धमकाया जाता है। कई उद्योगपति डर के मारे अनजाने में पैसे दे देते हैं जिससे स्थानीय उद्योग जगत परेशान है। स्थानीय उद्योग जगत का कहना है कि यह समस्या न केवल छोटे व्यवसायों को प्रभावित कर रही है, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए भी चिंता का कारण बन गई है। लगातार विजिट और दबाव के चलते कई फैक्टरियों में कामकाज प्रभावित हो रहा है। 

व्यवसायियों का यह भी कहना है कि अगर इस स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो यह उद्योग क्षेत्र की विकास योजनाओं और रोजगार सृजन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। उद्योगपतियों की मांग है कि सैंपलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और विनियमित बनाया जाए और किसी भी अधिकारी को कारोबारियों को डराने-धमकाने का अधिकार न मिले। इसके साथ ही, पहले से भरोसेमंद और अनुभवी अधिकारियों को ही इस काम के लिए नियुक्त किया जाए।

हर विजिट पर देने पड़ते हैं पैसे

कारोबारियों के मुताबिक पहले पी.पी.सी.बी. अधिकारियों-मुलाजिमों की तरफ से साल में केवल एक बार सैंपलिंग की जाती थी और जरूरत पड़ने पर चेतावनी दी जाती थी लेकिन अब अधिकारियों की विजिट साल में 3-4 बार हो रही है। उद्योगपतियों का कहना है कि इस तरह की लगातार छापेमारी और दबाव से उनकी फैक्टरियों का काम प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही हर विजिट पर उन्हें 50 हजार रुपए तक देने पड़ रहे हैं। कई उद्योगपति चेतावनी दे रहे हैं कि अगर यह स्थिति बनी रही, तो वे या तो अपनी फैक्टरियों पर ताले लगाकर चाबियां भगवंत मान को सौंप देंगे या पलायन करने को मजबूर होंगे।

स्थानीय उद्योगपति इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पहले जो अधिकारी जिम्मेदारी संभालते थे, उन्हें ही दोबारा विजिट के लिए भेजा जाए, ताकि सैंपलिंग की प्रक्रिया पारदर्शी और सही तरीके से हो। वर्तमान अधिकारियों के रवैये से उद्योग जगत में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

कोई अधिकारी-मुलाजिम पैसे मांगे तो मुझसे शिकायत करें : चीफ इंजीनियर

पी.पी.सी.बी. के चीफ इंजीनियर आर.के. रत्तड़ा ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी किसी कारोबारी को परेशान करता है या पैसे मांगता है, तो वह सीधे उनसे संपर्क कर सकता है। रतड़ा ने आश्वासन दिया कि मौके पर ही शिकायत का समाधान किया जाएगा और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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