17 अगस्त 2025: मुंबई के घाटकोपर इलाके के एक अस्पताल में डॉक्टर्स ने 14 साल के एक ‘गोविंदा’ को मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद शनिवार (16 अगस्त) को शहर में दही हांडी उत्सव के दौरान मरने वालों की संख्या दो हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि ‘गांवदेवी गोविंदा पथक का’ हिस्सा रोहन मोहन मालवी अंधेरी पूर्व के आदर्श नगर इलाके में एक टेम्पो में बैठे हुए बेहोश हो गया.
रोहन को हाल ही में पीलिया हुआ था, जिसकी वजह से उसने दही-हांडी फोड़ने की रस्म में हिस्सा नहीं लिया. अधिकारी ने बताया, ‘रोहन को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.’
शनिवार दोपहर हुई थी एक और मौत
इससे पहले मुंबई के मानखुर्द में शनिवार दोपहर को दही हांडी बांधते समय गिरने से 32 वर्षीय एक ‘गोविंदा’ की मौत हो गई. मृतक की पहचान जगमोहन शिवकिरण चौधरी के रूप में हुई.
अपनी खिड़की से रस्सी बांध रहे थे जगमोहन
नगर निगम के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि जगमोहन महाराष्ट्र नगर स्थित अपने घर की पहली मंजिल की खिड़की से रस्सी के सहारे ‘दही हांडी’ बांधने की कोशिश कर रहे थे, तभी अचानक इमारत से नीचे गिर गए. चौधरी को नगर निगम द्वारा संचालित शताब्दी गोवंडी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने से पहले ही वह दम तोड़ चुके थे.
19 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती
जन्माष्टमी के मौके पर पूरे महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव मनाया जाता है. रात शनिवार की 9.00 बजे तक उत्सव के दौरान घायल हुए लोगों की संख्या 95 थी, जिनमें से दो की हालत गंभीर है. 95 ‘गोविंदा’ में से 76 को इलाज के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई, जबकि 19 अस्पताल में भर्ती हैं.
कौन होते हैं गोविंदा?
दही हांडी उत्सव में ‘गोविंदा’ का अर्थ उन लोगों से है, जो पिरामिड बनाकर दही हांडी (ऊंचाई पर लटकी हुई दही और मक्खन से भरी मटकी) को फोड़ने की कोशिश करते हैं.
