17 अगस्त 2025: हर गली, हर मंदिर और हर श्रद्धालु की जुबां पर बस एक ही नाम – कृष्णा कन्हैया। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की आधी रात 12 बजे, भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही घड़ी ने 12 बजाया, संपूर्ण भारत श्रीकृष्ण की आराधना में लीन हो गया।
देशभर में गूंजे शंख-घंटे, मथुरा-वृंदावन में रचा भक्ति का रंग
जैसे ही जन्म का पवित्र क्षण आया, देशभर के मंदिरों में शंखनाद, मृदंग और घंटे गूंजने लगे। मथुरा, वृंदावन, द्वारका, नाथद्वारा, उज्जैन, पुरी, और देश के कोने-कोने में स्थित मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों को फूलों, लाइटिंग और रंगोली से सजाया गया था, और भक्तों ने जन्म झांकी, भजन, नृत्य और झूला उत्सव के जरिए अपने आराध्य का जन्म मनाया।
मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि में आधी रात को हुआ महाअभिषेक
श्रीकृष्ण जन्मभूमि, मथुरा में विशेष भव्यता देखने को मिली। ठीक रात 11 बजे से गणपति पूजन और नवग्रह अनुष्ठान शुरू हुआ, जिसके बाद रात 12 बजे भगवान बालकृष्ण का जन्माभिषेक किया गया। अभिषेक में दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल और यमुना जल का उपयोग किया गया। इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के उद्घोष गूंजने लगे।
ऑपरेशन सिंदूर: सिंदूरी रंगों से सजा पुष्प बंगला
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बाहर सुंदर सजावट, रंग-बिरंगी लाइटिंग और प्रकाश की भव्य व्यवस्था की गई है। ठाकुरजी के लिए विशेष रूप से इंद्रधनुषी रंगों में तैयार पोशाक बनाई गई है। श्रीकृष्ण सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि भगवान पूर्णावतार में सिंदूर पुष्प बंगले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। गर्भगृह का कायाकल्प कर 251 किलो चांदी से इसे रजत मंडित किया गया है। वहीं, गर्भगृह के समीप राज राजेश्वरी अष्टभुजी मां योगमाया मंदिर को भी 51 किलो चांदी से भव्य रूप प्रदान किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, पुलिस तैनाती
जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा को चार जोन और 18 सेक्टरों में विभाजित कर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मंदिरों, मुख्य बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस और सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। जन्मभूमि मंदिर समेत पूरे शहर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी रहे। इस बार देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मथुरा पहुंचे हैं, जिससे सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए गए हैं।
