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बांदा में मानवता की मिसाल, गांववालों ने बनाई जुगाड़ एम्बुलेंस

16 अगस्त 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार की 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाएं गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए चलाई जाती हैं, लेकिन कई बार इन सेवाओं की लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ जाती है। ऐसा ही एक मामला बांदा जिले से सामने आया है, जहां समय पर एम्बुलेंस ना मिलने पर मरीज के परिजनों ने उसे जुगाड़ वाहन से 60 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल पहुंचाया।

क्या है पूरा मामला?
यह घटना बबेरू कोतवाली क्षेत्र के पिंडारन गांव के रहने वाले जीत साहू के साले देवराज (58 वर्ष) से जुड़ी है। बीते गुरुवार सुबह जीत साहू को अपनी ससुराल – मऊ गांव, थाना मरका से सूचना मिली कि उनके साले की अचानक तबीयत बिगड़ गई है। जब जीत ससुराल पहुंचे तो देखा कि देवराज की हालत बहुत गंभीर थी। परिवार और गांव के लोग कई घंटों से 108 और 102 नंबरों पर एम्बुलेंस बुलाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कॉल बार-बार कट रही थी या लग ही नहीं रही थी।

जुगाड़ वाहन से किया सफर
एम्बुलेंस के ना मिलने और मरीज की हालत बिगड़ते देख, परिजनों ने खुद ही एक उपाय निकाला। उन्होंने बाइक पर आधारित एक जुगाड़ वाहन तैयार किया और उसमें मरीज को लिटाकर मऊ गांव से बबेरू होते हुए बांदा जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर तक लगभग 60 किलोमीटर का सफर तय किया। शाम करीब 4 बजे ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया। फिलहाल मरीज का इलाज जारी है।

क्या बोले स्वास्थ्य अधिकारी?
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) बांदा, डॉ. वीरेंद्र विजेंद्र सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बबेरू और मरका क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, जो बारिश के मौसम में और भी गंभीर हो जाती है। यही वजह हो सकती है कि कॉल नहीं लग पाई। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की जांच कराई जा रही है और जल्द ही स्थाई समाधान के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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