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आदिवासी विभाग में 6.5 करोड़ का फर्जीवाड़ा, नकली लाभार्थियों से रची गई स्कीम

31 जुलाई 2025 : महाराष्ट्र में लाडकी बहिण योजना के घोटाले की गूंज थमी भी नहीं थी कि अब आदिवासी विकास विभाग की “पंडित दीनदयाल स्वयंसहायता योजना” में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। छत्रपती संभाजीनगर में 1,416 फर्जी छात्रों के नाम पर सरकारी खजाने से 6.53 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है।

कैसे हुआ घोटाला?
इस योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के उन छात्रों को सहायता मिलती है जिन्हें सरकारी वसतिगृह (हॉस्टल) में प्रवेश नहीं मिल पाता।
प्राचार्य, क्लर्क, एजेंट और योजना से जुड़े कर्मचारी मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए छात्रों के नाम दाखिल करते रहे।
इन छात्रों का कॉलेज में कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं था, लेकिन उनके नाम पर सरकारी पैसा निकाला जाता रहा।

जांच और एफआईआर:
शिकायत मिलने के बाद आयुक्त लीना बनसोड ने तात्कालिक रूप से एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
प्रकल्प अधिकारी चेतना मोरे की शिकायत पर पुंडलिकनगर पुलिस ने प्राचार्य, लिपिक, एजेंट, लाभार्थी और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

आरोपियों में शामिल:

  • प्राचार्य सय्यद अरशद अफसर
  • प्राचार्य खलील पठाण
  • महेश पाडळे
  • समीर शामिर पठाण
  • अविनाश मुर्टे
  • रवींद्र साळवे
  • चेतना शिक्षण संस्था और आंबेडकर कॉलेज के कई अधिकारी व कर्मचारी
  • कुछ फर्जी लाभार्थी भी जांच के घेरे में हैं

जांच समिति की रिपोर्ट:
सहायक आयुक्त एस. आर. पेढेकर की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने इस घोटाले की पुष्टि की है। रिपोर्ट के अनुसार, दो कॉलेजों के अधिकारियों ने योजनाबद्ध तरीके से बोगस दस्तावेज तैयार कर प्रवेश दिखाए और सरकारी फंड का गबन किया।

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