धाराशिव 25 जुलाई 2025 : महाराष्ट्र के प्रसिद्ध तुलजा भवानी मंदिर में गर्भगृह और शिखर की मरम्मत को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर प्रशासन की मरम्मत योजना का भोपे पुजारी मंडल ने कड़ा विरोध किया है और इस मुद्दे को लेकर न्यायालय जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
मंदिर के गर्भगृह में टाइल्स हटाने के दौरान पाया गया कि पत्थरों (शिळा) में दरारें आ गई हैं। किसी दुर्घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने उन्हें लोहे के सहारों से थाम दिया। इसके बाद राज्य पुरातत्व विभाग और एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) से निरीक्षण की सिफारिश की गई। अब सरकार गर्भगृह और शिखर को तोड़कर नया निर्माण करने पर विचार कर रही है।
पुजारी मंडल का विरोध:
- पुजारी मंडल का कहना है कि यह धार्मिक परंपराओं और भावनाओं के खिलाफ है।
- मंदिर कोई साधारण इमारत नहीं, बल्कि आस्था का स्थान है – देवी का घर है।
- उनका आरोप है कि मंदिर संस्थान और पुरातत्व विभाग मिलकर जबरन नया निर्माण करना चाहते हैं, जो शास्त्र सम्मत नहीं है।
- उनका कहना है कि बिना चर्चा और बिना ठोस कारण के मूल संरचना तोड़ने की योजना गलत है।
पुजारी मंडल की चेतावनी:
भोपे पुजारी मंडल के अध्यक्ष अमर कदम परमेश्वर ने साफ कहा है कि अगर प्रशासन पीछे नहीं हटा तो न्यायालय का रास्ता अपनाया जाएगा। इस मुद्दे पर सभी पुजारियों, महंतों और मंदिर ट्रस्ट की बैठक भी हो चुकी है।
प्रशासन का पक्ष:
- एएसआई के 3 निरीक्षण हो चुके हैं, अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
- पुरातत्व विभाग का मानना है कि शिखर दोबारा बनाना जरूरी है, क्योंकि अभी जो लोहे के सहारे लगाए गए हैं, वह स्थायी समाधान नहीं हैं।
- रिपोर्ट आने के बाद मुंबई में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
निष्कर्ष:
तुलजा भवानी मंदिर का यह मामला धार्मिक भावनाओं, ऐतिहासिक संरक्षण और प्रशासनिक निर्णयों के टकराव का बनता जा रहा है। जैसे-जैसे यह मुद्दा आगे बढ़ेगा, कानूनी लड़ाई के आसार भी गहराते जा रहे हैं।
