19 जुलाई 2025 : नागपुर से भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने महाराष्ट्र की सियासत में फिर से गरमाए मराठी भाषा और जादूटोना विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मराठी भाषा को लेकर महायुती सरकार ने अभिजात भाषा का दर्जा दिया है, जो कांग्रेस कभी नहीं दे सकी। ऐसे में इस मुद्दे पर अनावश्यक राजनीति करना ठीक नहीं।
उन्होंने राज ठाकरे के धमकी वाले बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा, “अगर उनके पास ठोस सुझाव हैं, तो सरकार स्वागत करेगी, लेकिन मराठी को लेकर केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए हंगामा करना उचित नहीं है।”
उन्होंने मिरारोड और अन्य जगहों पर मराठी बनाम हिंदी के नाम पर हुई घटनाओं को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
कांग्रेस पर हमला करते हुए, मुनगंटीवार ने 1956 में कर्नाटक में जबरन विलीन किए गए मराठी भाषी इलाकों का जिक्र किया और कहा कि “कारवार, निपाणी, बेळगाव जैसे इलाके जबरन कर्नाटक में मिलाए गए, इसके लिए पंडित नेहरू जिम्मेदार थे।”
राजनीतिक कटाक्ष में उन्होंने उद्धव ठाकरे के चुनाव आयोग पर दिए गए बयान पर कहा, “जब बार-बार हार होती है तो हर चीज ‘सिंदूर लगी’ दिखती है।”
‘ब्रँड ठाकरे’ पर कटाक्ष करते हुए, मुनगंटीवार बोले:
“हां, वो ब्रँड जरूर हैं, लेकिन अब वो ब्रँड बाजार में नहीं चलता। बहुत से ब्रँड आते हैं लेकिन सबको पसंद नहीं किया जाता।”
उन्होंने एकनाथ शिंदे के जादूटोना संबंधी बयान का समर्थन न करते हुए कहा कि “अगर जादूटोने से सत्ता मिलती तो देश से गरीबी, जातिवाद और गुलामी कब की मिट चुकी होती।”
उन्होंने साफ किया कि राजनीति को इस स्तर तक ले जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, और जादूटोना जैसी बातें तर्क और विकास के विरोध में हैं।
