पुणे 17 जुलाई 2025 : महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह दावा किया गया था कि राज्य की मराठी स्कूलें बंद नहीं होने दी जाएंगी और जल्द ही शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी। लेकिन सरकार के इन दावों की पोल वर्धा जिले के पुलगांव नगर परिषद की एक स्कूल में खुल गई, जहां शिक्षक के रिक्त पद पर सफाई कर्मचारी की नियुक्ति कर दी गई।
यह मामला वर्धा जिले की शहीद भगत सिंह प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा है। जब यहां कार्यरत शिक्षक शंकर जाधव का तबादला रानी लक्ष्मीबाई प्राथमिक स्कूल में किया गया, तो रिक्त पद को भरने के बजाय मुख्याधिकारी विजयकुमार आश्रमा ने सफाई विभाग के कर्मचारी चेतन चंडाले को अस्थायी रूप से पढ़ाने की जिम्मेदारी दे दी। यह आदेश एक आधिकारिक परिपत्र के माध्यम से जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि सफाई कर्मचारी को अतिरिक्त कार्य के रूप में पढ़ाने की अनुमति दी जा रही है और इसके लिए कोई वेतन नहीं दिया जाएगा।
हालांकि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत किसी भी शिक्षक की नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता, टीईटी या टेट जैसी परीक्षाएं उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। लेकिन इन सभी नियमों को ताक पर रखते हुए यह नियुक्ति की गई, जिससे शिक्षकों की संघटनाओं में भारी नाराजगी है।
राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के अध्यक्ष विजय कोंबे ने इस मामले में तुरंत जांच की मांग की है। उनका कहना है कि “चाहे कोई सफाई कर्मचारी उच्च शिक्षित ही क्यों न हो, शिक्षक बनने के लिए जरूरी योग्यताएं अनिवार्य हैं। सरकार को इस आदेश को रद्द कर योग्य शिक्षक की नियुक्ति करनी चाहिए।”
यह घटना उस जिले में घटी है, जहां के पालक मंत्री खुद शालेय शिक्षण राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर हैं। ऐसे में यह मामला सरकार की नीतियों और दावों पर सवाल खड़े करता है।
मुख्य बातें:
- पुलगांव की स्कूल में शिक्षक के पद पर सफाई कर्मचारी की नियुक्ति।
- शिक्षा कानूनों का उल्लंघन कर नगर परिषद ने जारी किया आदेश।
- शिक्षक संघों में रोष, सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग।
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