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4 दिन में 3 मुलाकातें, मौर्य के बयान से सियासी हलचल

15 जुलाई 2025 : उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर एक बार फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि उन्हें पार्टी संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसकी वजह हाल ही में उनकी लगातार कई बड़े नेताओं से हुई मुलाकातें और उनके बयानों को माना जा रहा है।

4 दिनों में की 3 बड़े नेताओं से मुलाकात
8 से 11 जुलाई के बीच केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। ये मुलाकातें इसलिए भी खास मानी जा रही हैं क्योंकि इनका कोई आधिकारिक कारण सामने नहीं आया, लेकिन राजनीति में ऐसे मेलजोल को साधारण नहीं माना जाता।

‘2027 में दोहराएंगे 2017’ – मौर्य का बयान चर्चा में
अमित शाह से मुलाकात के बाद केशव मौर्य ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा —’2027 में हम 2017 दोहराएंगे’। उनके इस बयान को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह संकेत माना जा रहा है कि वह पार्टी संगठन में कोई बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

BJP अध्यक्ष पद को लेकर चल रही चर्चा
बीजेपी अब उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर नए अध्यक्ष की नियुक्ति की तैयारी कर रही है। यूपी में समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले के जवाब में बीजेपी ओबीसी चेहरा आगे कर सकती है। ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य, जो उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं, संगठन में और मजबूत हो सकते हैं।

क्या प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं केशव मौर्य?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केशव मौर्य को यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक वो खुद को इस रेस में नहीं मानते। कुछ लोगों का कहना है कि उनका नाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भी चर्चा में है, हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

OBC वोटबैंक पर फिर से पकड़ बनाने की तैयारी
वर्ष 2017 में जब केशव प्रसाद मौर्य यूपी बीजेपी के अध्यक्ष थे, तब पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी, जिसमें ओबीसी वर्ग का अहम योगदान रहा था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को इस वर्ग से कुछ नुकसान हुआ, खासकर यूपी में। ऐसे में पार्टी दोबारा ओबीसी नेताओं को आगे लाकर इस वर्ग का समर्थन पाने की रणनीति बना रही है।

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