पुणे, 11 जुलाई 2025 – पुणे से घूमने निकले तीन युवा दोस्त ओजस फडके, ईशान जोशी और आयुष कलबंडे (सभी 18 वर्ष) गुरुवार शाम को लोहगढ़–विसापूर किले के पास रास्ता भटक गए। क्षेत्र में घना कोहरा और मूसलधार बारिश होने के कारण वे जंगल में गहरे तक चले गए और अपना रास्ता खो बैठे।
कैसे हुई मदद?
तीनों युवकों ने तुरंत ‘शिवदुर्ग रेस्क्यू टीम’ से संपर्क किया और बताया कि वे विसापूर किले के पास रास्ता भटक गए हैं।
टीम के सदस्य सागर कुंभार, राहुल वाघमारे और विशाल शिंदे ने लोकेशन ली और युवकों को हिम्मत बंधाते हुए कहा –
“घबराओ मत, जहां हो वहीं रुको, हम आ रहे हैं।”
भारी बारिश, फिसलन और अंधेरे के बावजूद रेस्क्यू टीम ने उन्हें खोज निकाला। रात 8:45 बजे के करीब उन्हें सुरक्षित नीचे लाया गया और फिर मलवली रेलवे स्टेशन से पुणे के लिए रवाना किया गया।
युवकों का भावुक धन्यवाद:
सुरक्षित बचाव के बाद युवकों ने शिवदुर्ग मित्र मंडल का तहेदिल से धन्यवाद किया।
मुंबई के युवक की भी मुश्किल
दूसरी घटना में मुंबई के अंधेरी का 20 वर्षीय युवक प्रियांशु गेडाम खोपोली के K.P. वॉटरफॉल की सैर पर गया था।
- वह अकेला ही वहां पहुंचा और रास्ता भटक गया।
- वॉटरफॉल तक पहुंचने का रास्ता बेहद फिसलनभरा, ढलानदार और पानी से भरा हुआ होता है।
- अकेले जाने के कारण उसे मुसीबत का सामना करना पड़ा।
यह घटना 10 जुलाई 2024 को हुई थी और इससे यह चेतावनी मिलती है कि पहाड़ियों या जंगलों में अकेले जाने से बचें, खासकर मानसून के समय।
सबक क्या है?
- मानसून ट्रेकिंग हमेशा ग्रुप में और गाइड के साथ करें
- स्थानीय रेस्क्यू टीमों के संपर्क में रहें
- मौसम की जानकारी लेकर ही ट्रिप प्लान करें
- मोबाइल चार्ज और GPS ऑन रखें
मानसून की सुंदरता जितनी आकर्षक होती है, उतनी ही खतरनाक भी – सतर्कता जरूरी है।
