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मंगला गौरी व्रत 2025 की तारीख और मुहूर्त, पहले दिन बनेगा सौभाग्य योग

08 जुलाई 2025 श्रावण मास में जिस प्रकार से सावन सोमवार व्रत का महत्व है, उसी प्रकार से मंगला गौरी व्रत का भी है. जैसे सावन सोमवार का व्रत मनचाहे जीवनसाथी और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करते हैं, वैसे ही मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य, जल्द विवाह, सुखी दांपत्य जीवन, योग्य पति की कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत किया जाता है. सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस बार सावन माह में 4 मंगला गौरी व्रत पड़ेंगे. पहले मंगला गौरी व्रत के दिन तो सौभाग्य योग बन रहा है, जो अखंड सौभाग्य के लिए अच्छा है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं कि मंगला गौरी व्रत कब से शुरू है? मंगला गौरी व्रत की तारीख और मुहूर्त क्या है?

2025 के सावन में मंगला गौरी व्रत कब है?

इस बार सावन का शुभारंभ 11 जुलाई शुक्रवार से होगा. सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई को है. उस दिन सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी ति​थि होगी.

1. पहला मंगला गौरी व्रत: 15 जुलाई
2. दूसरा मंगला गौरी व्रत: 22 जुलाई
3. तीसरा मंगला गौरी व्रत: 29 जुलाई
4. चौथा मंगला गौरी व्रत: 5 अगस्त

सौभाग्य योग में है पहला मंगला गौरी व्रत

दृक पंचांग के अनुसार, पहला मंगला गौरी व्रत के दिन सौभाग्य योग बन रहा है. उस दिन सौभाग्य प्रात:काल से लेकर दोपहर 2 बजकर 12 मिनट तक है, उसके बाद से शोभन योग होगा. ये दोनों ही शुभ योग हैं, लेकिन सौभाग्य योग में किए गए पूजा, पाठ, व्रत, जप, दान आदि से पति की आयु बढ़ती है, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है.

पहला मंगला गौरी व्रत का मुहूर्त

15 जुलाई को पहले मंगला गौरी व्रत के दिन व्रती को माता गौरी और शिव जी की पूजा सौभाग्य योग में करनी चाहिए. सौभाग्य योग के समापन से पूर्व मंगला गौरी की पूजा कर लें. शिव और शक्ति की कृपा से आपको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी. जो युवतियां सुखी वैवाहिक जीवन या अपने लिए योग्य जीवनसाथी की कामना कर रही हैं, उनको भी इस शुभ योग में पूजा करनी चाहिए.

पहला मंगला गौरी व्रत के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:12 ए एम से 04:52 ए एम तक है, वहीं दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:59 ए एम से 12:55 पी एम तक है. उस दिन का निशिता मुहूर्त 12:07 ए एम से 12:48 ए एम तक है.

मंगला गौरी के दिन श्रावण कृष्ण पंचमी तिथि है. पंचमी तिथि का प्रारंभ 14 जुलाई को रात 11 बजकर 59 मिनट से हो रहा है और इसका समापन 15 जुलाई को रात 10 बजकर 38 मिनट पर होगा. उसके बाद से श्रावण कृष्ण षष्ठी तिथि होगी.

कौन हैं मंगला गौरी?

जब माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ तो उसके बाद वह अखंड सौभाग्यवती हो गईं. माता पार्वती का एक नाम गौरी भी है. सावन का मंगलवार दिन माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है. इस प्रकार से देवी मंगला गौरी माता पार्वती को ही कहा गया है. मंगला गौरी की पूजा करने वालों को सुख, समृद्धि, संतान, जल्द विवाह, सुखी दांपत्य आदि जैसे आशीर्वाद प्राप्त होते हैं.

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