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पंजाब-हिमाचल में बारिश का असर, सब्जियों के दाम तीन गुना बढ़े

जालंधर 07 जुलाई 2025 बरसाती सीजन शुरू होते ही आम आदमी की थाली पर सब्जियां गायब होने लगी है। खेत-खलिहानों में बारिश का पानी जम गया है। बरसात के चलते मकसूदां सब्जी मंडी में बाहर से आने वाली सब्जियों की आमद कम होने के चलते आज कल सब्जियों के दामों में आग लगी हुई है, जिसके चलते आम जीवन के उपयोग में आने वाली सब्जियां तीन गुणा महंगी हो गई है। वहीं खुदरा सब्जी विक्रेता मनमाने भाव से सब्जियां बेच रहे हैं।

पंजाब और हिमाचल के कई इलाकों में लगातार हो रही है मूसलाधार बरसात ने मौसम का मिजाज तो ठंडा कर दिया है लेकिन रोजाना उपयोग में आने वाली सब्जियों की आवक में कमी तथा यातायात सुचारू रुप से न होने के कारण सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। बारिश के कारण हरी सब्जियां ‘लाल’ (महंगी) हो गई हैं। मकसूदां सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक कम होने से व्यापारियों में भी अपने व्यवसाय को लेकर चिंचित है। सब्जियों की आवक में 40 से 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि हिमाचल में खेतों में पानी भर जाने के कारण सब्जियों की फसलें नष्ट हो गई हैं।

जानकारों की मानें तो मकसूदां सब्जी मंडी में प्रतिदिन 300 से 500 गाड़ियां सब्जियों की आती थीं, अब जबकि दो दिनों से मात्र 200 से 300 गाड़ियां सब्जियों की आ रही हैं। मकसूदां सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान महेन्द्रजीत सिंह शंटी बत्तरा का कहना है कि बारिश के मौसम में खासकर भारी बारिश के कारण सब्जियों की फसलें खराब हो गई है, जिससे मंडी में उनकी उपलब्धता कम हो जाती है। जब आपूर्ति कम होती है तो कीमतें बढ़ जाती हैं, क्योंकि मांग अभी भी उतनी ही रहती है। इसके अलावा बारिश के कारण परिवहन में भी समस्याएं आती हैं, जिससे सब्जियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना मुश्किल हो जाता है, जिससे भी कीमतें बढ़ती हैं। उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्यों से सब्जियों की आपूर्ति न के बराबर हो रही है। उन्होंने कहा कि बाढ़ व भूस्खलन से हिमाचल की कई सड़कें बंद पड़ी हैं। कुल्लू व लाहौलस्पति से भी सप्लाई प्रभावित हो रही है। इसलिए, बारिश के मौसम में हरी सब्जियों के दाम बढ़ना एक सामान्य घटना है।

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