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पंजाब: प्लॉट्स को लेकर बदले नियम, सरकार ने जारी किया नया नोटिफिकेशन।

पंजाब 06 जुलाई 2025: पंजाब सरकार ने औद्योगिक प्लॉट्स को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटने की सुविधा को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। सरकार ने 3 जुलाई को इसका फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिससे लंबे समय से प्रतीक्षित इस योजना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 

नई नीति के तहत केवल 1000 वर्ग गज या उससे बड़े फ्रीहोल्ड प्लॉट्स को बांटने की अनुमति मिलेगी, जिसमें हर टुकड़ा कम से कम 400 वर्ग गज का होना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, टुकड़े का आकार चौड़ाई और गहराई के अनुपात में 1:3 से अधिक नहीं होना चाहिए और प्लॉट के सामने कम से कम 40 फीट चौड़ी सड़क होना जरूरी होगा।

यह सुविधा पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन (PSIEC) द्वारा प्रबंधित सभी औद्योगिक एस्टेट्स, फोकल पॉइंट्स, इंडस्ट्रियल पार्क्स और ग्रोथ सेंटर्स में लागू होगी, लेकिन यह केवल उन आवेदनों पर लागू होगी जो नोटिफिकेशन जारी होने के बाद जमा किए जाएंगे।

टुकड़े करने के लिए 5% फीस लगाई जाएगी, जो प्लॉट की वर्तमान रिजर्व प्राइस पर आधारित होगी। यदि प्लॉट के टुकड़े परिवार के सदस्यों या कानूनी वारिसों के बीच हो रहे हैं, तो फीस 50% कम होगी। साथ ही, आवेदन के साथ 10,000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी। टुकड़े के बाद यदि अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो मिलता है, तो उस पर 10% अतिरिक्त शुल्क भी लगेगा।

आवेदकों को पी.एस.आई.ई.सी. के एस्टेट ऑफिस में निर्धारित फॉर्म के साथ आवेदन जमा करना होगा, और आवेदन की जांच 21 कार्य दिवसों के भीतर पूरी कर दी जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद टुकड़ों को अलग-अलग प्लॉट्स का दर्जा मिलेगा और उन्हें अलग नंबर दिए जाएंगे।

नई नीति के तहत टुकड़े किए गए प्लॉट्स में आंतरिक विकास कार्य जैसे सड़क, पानी और सीवरेज की जिम्मेदारी मालिक की होगी। एक एकड़ तक के प्लॉट्स के लिए 12 महीने, 1 से 10 एकड़ के लिए 18 महीने और 10 एकड़ से बड़े प्लॉट्स के लिए 24 महीने में विकास कार्य पूरे करने होंगे। इन कार्यों की थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन अनिवार्य होगी।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि टुकड़े किए गए प्लॉट्स का उपयोग केवल औद्योगिक कार्यों के लिए ही किया जा सकेगा और तीन साल के भीतर व्यावसायिक उत्पादन शुरू करना अनिवार्य होगा। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो PSIEC 30 दिन का नोटिस देकर अनुमति रद्द कर सकता है और प्लॉट की नीलामी कर सकता है।

इसके साथ ही, अस्वीकृति पर आवेदक 90 दिनों के भीतर PSIEC के मैनेजिंग डायरेक्टर के पास अपील कर सकता है। नीति में संशोधन का अधिकार पंजाब के मुख्यमंत्री के पास सुरक्षित रहेगा। यह नई नीति राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे छोटे व्यवसायों को भी अपनी पहचान बनाने और विस्तार करने में मदद मिलेगी।

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