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गुरु दोष से परेशान? गुरु पूर्णिमा पर करें ये टोटके, चमकेगी किस्मत

03 जुलाई 2025 हिंदू धर्म में हर तिथि हर वार का अत्यधिक महत्व है. साल में कई पूर्णिमा आती हैं. उन्हीं पूर्णिमा में से आषाढ़ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन गुरु के महत्व का विशेष रूप से वर्णन किया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इसी दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाकाव्य महाभारत की रचना की थी.

ज्योतिष शास्त्र में भी इस दिन के महत्व को विस्तार से बताया गया है. साथ ही यह भी बताया है कि गुरू पूर्णिमा के दिन कुछ उपायों को करने से व्यक्ति को गुरु दोष से मुक्ति प्राप्त होती है. आइए जानते हैं उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से वह उपाय.

जानिए कब मनाई जाएगी आषाढ़ या गुरु पूर्णिमा
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि आषाढ़ पूर्णिमा की शुरुआत 10 जुलाई रात 02 बजकर 43 मिनट पर हो रही है और समाप्ति अगले दिन यानी 11 जुलाई रात 01 बजकर 53 मिनट पर हो रही है. उदयातिथि के अनुसार 10 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी.

गुरु पूर्णिमा पर जरूर करें यह उपाय

– गुरु दोष के दुष्प्रभाव से मुक्ति या प्रभाव को कम करने के लिए गुरु पूर्णिमा पर अपने पूजा घर में गुरु यंत्र की स्थापना करके पूजन करें. उसके बाद हर गुरुवार को विधिपूर्वक पूजा करें. इससे आपके जीवन में गुरु ग्रह का सकारात्मक प्रभाव बढ़ेगा, आपकी तरक्की होगी. कमजोर गुरु ग्रह मजबूत होगा.

– करियर में उन्नति पाना चाहते हैं, तो गुरु पूर्णिमा पर पीले वस्त्र, पीली दाल, केसर, घी, पीतल, पीले रंग की मिठाई आदि का दान कर सकते हैं.

– मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान लक्ष्मीनारायण का पूजन किया जाता है. इस दिन लक्ष्मीनारायण मंदिर में जाकर नारियल अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से रूके हुए कार्य पूर्ण हो जाते हैं.

– गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. इसलिए इस विशेष दिन पर किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को पीली दाल, पीले रंग का वस्त्र या इस रंग की मिठाई का दान करें. ऐसा करने से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आते हैं.

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