01 जुलाई 2025 : शिव जी के प्रिय माह सावन का शुभारंभ 11 जुलाई से हो रहा है. इस साल श्रावण मास में कुल 4 सावन सोमवार व्रत है. सावन में 4 या 5 सोमवार व्रत होते हैं. अपने किसी विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सावन सोमवार व्रत रखा जाता है. सावन सोमवार व्रत रखने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है, मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है, रोग, दोष, ग्रह दोष आदि मुक्ति मिलती है. सावन सोमवार व्रत करने से सुखी वैवाहिक जीवन प्राप्त होता है. इस साल पहले सावन सोमवार पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि पहला सावन सोमवार कब है? पहला सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त और जलाभिषेक समय क्या है?
पहला सावन सोमवार 2025 तारीख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पहला सावन सोमवार 14 जुलाई को है. पहले सावन सोमवार के दिन चतुर्थी तिथि है. चतुर्थी तिथि के प्रतिनिधि देव विघ्नहर्ता श्री गणेश जी है. शिव परिवार के वे महत्वपूर्ण सदस्य हैं.
पहला सावन सोमवार 2025 मुहूर्त
पहले सावन सोमवार के दिन श्रावण कृष्ण चतुर्थी तिथि रात 11 बजकर 59 मिनट तक है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:11 ए एम से 04:52 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक है. पहले सावन सोमवार का निशिता मुहूर्त देर रात 12:07 ए एम 12:48 ए एम तक है.
4 शुभ संयोग में है पहला सावन सोमवार 2025
14 जुलाई को पहले सावन सोमवार पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. पहले सावन सोमवार के दिन आयुष्मान् योग, सौभाग्य योग, धनिष्ठा नक्षत्र, गजानन संकष्टी चतुर्थी और रुद्राभिषेक का उत्तम संयोग बना है.
1. आयुष्मान् योग: पहले सावन सोमवार के प्रात:काल में आयुष्मान् योग बन रहा है, जो शाम को 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. आयुष्मान् योग को समृद्धि और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है. इस शुभ योग में कार्य करने से सफलता मिलती है.
2. सौभाग्य योग: शाम को 4 बजकर 14 मिनट के बाद से सौभाग्य योग का निर्माण होगा. सौभाग्य योग भी एक शुभ योग है. इस योग में महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से पूजा, पाठ, प्रार्थना आदि कर सकती हैं. शिव और शक्ति की कृपा से उनको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी.
3. धनिष्ठा नक्षत्र: पहले सावन सोमवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र सुबह 06 बजकर 49 मिनट तक है. उसके बाद से शतभिषा नक्षत्र है. धनिष्ठा नक्षत्र को धन और वैभव को बढ़ाने वाला माना जाता है, वहीं शतभिषा नक्षत्र को गहन चिंतन और आध्यात्म के लिए अच्छा माना जाता है.
4. गजानन संकष्टी चतुर्थी: सावन के पहले सोमवार पर गजानन संकष्टी चतुर्थी है. यह श्रावण कृष्ण चतुर्थी को होती है. सावन सोमवार को भगवान शिवजी के साथ भगवान गजानन की पूजा करने से आपको दोनों की कृपा प्राप्त होगी. गणेश जी की कृपा से शुभता बढ़ेगी, विघ्न और बाधाएं दूर होंगी, वहीं महादेव आपके सभी दुखों को दूर करके मनोकामनाओं को सिद्ध करेंगे.
5. रुद्राभिषेक के लिए उत्तम दिन: सावन का सोमवार रुद्राभिषेक के लिए उत्तम माना जाता है. सावन के पहले सोमवार पर शिव वास कैलाश पर सुबह से लेकर रात 11 बजकर 59 मिनट तक है, उसके बाद नंदी पर है. जब शिव का वास कैलाश पर होता है और उसमें आप रुद्राभिषेक कराते हैं तो सभी प्रकार के लाभ और सुख मिलते हैं. कार्य सफल सिद्ध होते हैं.
पहला सावन सोमवार 2025 जल चढ़ाने का समय
पहले सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का समय ब्रह्म मुहूर्त तो है ही, उसके साथ आप सूर्योदय 5:33 ए एम से लेकर दोपहर से पूर्व तक जल चढ़ा सकते हैं. वैसे तो सावन में पूरे दिन जल चढ़ाया जाता है, लेकिन शाम के समय में जलाभिषेक से बचना चाहिए. सूर्य देव को साक्षी मानकर शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए.
