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लुधियाना वेस्ट में उपचुनाव से पहले गूंजा आशु का नाम

लुधियाना 08 जून 2025 : लुधियाना के हल्का वेस्ट की सड़कों, गलियों में इन दिनों सिर्फ चुनावी चर्चा नहीं, बल्कि एक नेता के लिए उठते जनभावनाओं की लहर दिखाई देती है वह नेता है कांग्रेस कैंडिडेट भारत भूषण आशु। बेशक उपचुनाव राजनीतिक गणनाओं का मुद्दा हो, लेकिन जमीन पर नजारा कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है और वह कहानी है जनसमर्थन व उम्मीद की और आशु के प्रति लोगों के दृढ़ विश्वास की।

चिलचिलाती धूप, तपती सड़कें और पसीने से भीगे कपड़े पर न थमता है कदम, न धीमे होते नारे

मोहल्लों, गलियों और बाजारों में जहां भी आशु पहुंच रहे हैं, वहां उनके स्वागत को इलाकावासी खुद चलकर आगे आ रहे हैं।  खासकर महिलाओं को आशु की कार्यशैली पर पूरा भरोसा है जिसका प्रमाण है कि आशु की ओर से चुनाव में वोट रुपी समर्थन मांगते ही हाथ जोड़ते हुए महिलाएं जब कहती हैं कि “हमें आप पर भरोसा है तो वहां मौजूद अन्य लोगों में आशु के प्रति विश्वास और कई गुणा बढ़ जाता है।

हल्का वेस्ट के लोगों का कहना है कि यह समर्थन राजनीतिक दल के साथ आशु की 28  सालों की मेहनत, सेवा और सहज व्यवहार के प्रति हमारी आत्मीय प्रतिक्रिया है। बुज़ुर्ग हों या युवा, महिलाएं हों या व्यापारी हर वर्ग आशु के साथ खड़ा दिख रहा है। आशु के डोर-टू-डोर संपर्क अभियान में यह साफ नज़र आता है कि लुधियाना की जनता सिर्फ वोट नहीं दे रही, बल्कि भरोसा जता रही है। वह भरोसा जो पहले भी वक्त की कसौटी पर खरा उतर चुका है।

उपचुनावों की इस तपिश में जनता ने यह तय कर लिया है कि वे लहरों के साथ नहीं, नेतृत्व के साथ जाएंगे  और इस वक्त उनकी नज़र में नेतृत्व का चेहरा है भारत भूषण आशु। आशु के हक में प्रचार कर रहे विधायक प्रगट सिंह का कहना है कि आशु को मिल रहा समर्थन सिर्फ वोट का नहीं बल्कि एक भरोसे की चमक है जो हल्का वेस्ट के लोगों की आंखों में दिखाई देती है, जब बुज़ुर्ग हाथ पकड़ कर कहते हैं — “बेटा, हम तेरे साथ हैं।” यह समर्थन उस मेहनत की गवाही है, जो आशु ने वर्षों तक जमीनी स्तर पर काम करके अर्जित की है। जनता ने प्रचार में संकेत दे दिया है कि चुनावी मौसम चाहे कैसा भी हो, जब दिलों में कोई बस जाए, तो सूरज भी हार मान लेता है।

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