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MLA Raman Arora का तस्करों से संबंध, चंडीगढ़ से शराब की सप्लाई

जालंधर 04 जून 2025 विधायक रमन अरोड़ा के शराब तस्करों के साथ लिंक भी निकल आए हैं। मिडिया ने पहले ही इस बात की पुष्टि कर दी थी लेकिन तस्करों के साथ लिंक और उनसे नजदीकियों के सबूत अब सामने आ गए हैं। विधायक रमन अरोड़ा की शह पर चंडीगढ़ की शराब जालंधर लाकर बेची जाती थी। रमन अरोड़ा ने शराब तस्करी करने के लिए तरलोक सिंह सरां निवासी दतार नगर रामामंडी, जतिंदर कुमार निवासी बशीरपुरा, सोनू टेंकर और पहलवान को आगे किया हुआ था। यही लोग चंडीगढ़ से शराब लाते और फिर लद्देवाली स्थित प्रताप पैलेस में एक गोदाम में डंप कर यही से सप्लाई करते थे।

12 जून 2023 को कमिश्नरेट पुलिस को इस बात की भनक लग गई जिसके बाद पुलिस ने तरलोक सिंह सरां और जतिंदर कुमार को 343 चंडीगढ़ की शराब की पेटियों सहित गिरफ्तार कर लिया। दोनों को पकड़े जाने पर पुलिस को भी पता लग गया कि शराब विधायक की है, लेकिन विधायक को नामजद करना तो दूर उल्टा पुलिस पर दबाव बनना शुरू हो गया। मीडिया में भी खबरें आने के कारण दोनों की गिरफ्तारी दिखा दी गई। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने गोदाम से 600 के करीब शराब की पेटियां बरामद की थी लेकिन 343 पेटियां विधायक के कहने पर ही दिखाई दी। तरलोक सिंह सरां की काफी समय से विधायक के साथ नजदीकियां थी और उसे शराब का काम करवाने वाला भी विधायक ही था। करीब 14 दिनों तक जेल में रहने के बाद तरलोक व जतिंदर की जमानत हो गई।

हैरानी की बात है कि इसमें इन दोनों के अलावा अन्य दो तस्करों को नामजद ही नहीं किया गया। तरलोक सिंह सरां जेल से बाहर आया और फिर से काम करना शुरू कर दिया। आखिरकार विधायक के कमाऊ पुत्र को राजनीति में उतरना था। विधायक ने अपने हलके के अधीन आते वार्ड नंबर 6 में से तरलोक सिंह सरां का नाम रखा। पहली लिस्ट में वार्ड नंबर 6 समेत अन्य भी कई वार्डों के उम्मीदवार पेडिंग में रखे हुए थे। आखिरकार दूसरी लिस्ट में वार्ड नंबर 6 से तरलोक सिंह सरां का नाम आ गया। विधायक ने वार्ड नंबर 6 में जाकर तरलोक सिंह सरां के लिए प्रचार किया। तरलोक सिंह सरां ने चुनाव में पैसे पानी की तरह बहा दिए। आखिरकार रिजल्ट आया तो तरलोक सिंह सरां हार गया और कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार जीत गया। बात यहीं नहीं खत्म होती। जो एफ.आई.आर. नंबर 104 तारीख 12-06-2023 थाना रामामंडी में तरलोक सिंह और जतिंदर सिंह के खिलाफ दर्ज की गई थी, उसका अभी तक चालान ही कोर्ट में पेश नहीं किया गया है। साफ है कि विधायक के दबदबे के कारण पुलिस इस केस का चालान ही पेश नहीं कर पाई। इस केस को लेकर अन्य भी कई खुलासे जल्द किए जाएंगे।

जिस धार्मिक स्थल में प्रधान थे विधायक, उसी स्थल की दुकान करीबी रिश्तेदार के नाम कर दी
विधायक
 रमन अरोड़ा ने लोगों के खून पसीनें की कमाई ही नहीं चुसी बल्कि भगवान का घर भी नहीं बक्शा। शेखां बाजार में जिस नए बने धार्मिक स्थल में वह प्रधान थे उसी स्थल की प्रसाद वाली दुकान उसने अपनी करीबी रिश्तेदार के नाम कर दी। उक्त दुकान की रिजस्ट्री भी रमन अरोड़ा की करीबी रिश्तेदार के नाम हैं। शेखां बाजार में एक परिवार ने धार्मिक स्थल बनाने के लिए घर दान दे दिया था। धार्मिक स्थल बनने के बाद वहां एक प्रसाद के लिए दुकान अलग से बनाई गई थी। रमन अरोड़ा जैसे ही वहां के प्रधान बने तो दुकान पर कब्जा कर लिया। इसके लिए दो दस्तावेज तैयार हुए वह चश्मेवाले तहसील के कर्मचारी ने तैयार करवाए थे। इतना ही नहीं रमन अरोड़ा ने इस धार्मिक स्थल के पदाधिकारियों को भी नहीं छोड़ा।

विधायक के करीबी बन चुके पतंगों वालों से भी पूछताछ कर सकती है विजीलैंस
सूत्रों 
की मानें तो विजीलैंस की टीम पतंगों वालों पर भी शिकंजा कस कर पूछताछ कर सकती है। आम लोगों ही नहीं बल्कि बच्चों की जिदंगियोंं से खिलवाड़ करने वाले पतंग वालों ने विधायक के साथ मिल कर अवैध तरीके से जालंधर में चाइना डोर बेची जबकि विधायक ने रिश्वत लेकर डोर बिकने दी जिसके कारण दोनों कसूरवार है। हालांकि चाइना डोर को लेकर सरकार से लेकर प्रशासन सख्त रवैया अपना रहा था लेकिन उसके बावजूद धड़ल्ले से शहर में चाइना डोर बेची गई।

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