गुरदासपुर 29 मई 2025: पंजाब के सीमावर्ती जिले गुरदासपुर को दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से सीधा रेल संपर्क मिलने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ा है। रेल मंत्रालय ने गुरदासपुर से मुकेरियां तक 30 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन के अंतिम सर्वेक्षण के लिए 75 लाख रुपये की मंजूरी दे दी है। इससे इस प्रोजेक्ट के शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
यह सर्वेक्षण पिछले लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने जानकारी देते हुए कहा कि यह रेल लाइन इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगी।
यात्रा होगी 50 किमी तक कम
बिट्टू ने बताया कि फिलहाल गुरदासपुर से दिल्ली या अन्य राज्यों की ओर माल ढुलाई के लिए ट्रेनें अमृतसर, जालंधर या पठानकोट होकर जाती हैं, जिससे 140 किलोमीटर तक का लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। कई बार रेकों को अमृतसर में रिवर्स भी करना पड़ता है। नई रेल लाइन के बनने से यह दूरी घटकर लगभग 92 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे प्रत्येक रेक पर 50 किलोमीटर की बचत होगी और अमृतसर रिवर्सिंग की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
सेना और आम नागरिकों को भी होगा फायदा
गुरदासपुर एक सीमावर्ती जिला है और यहां टिबरी कैंट स्थित है। इस नई रेल लाइन से सैन्य आवश्यकताओं की पूर्ति भी सरलता से की जा सकेगी। धारीवाल जैसे इलाकों में भी स्थानीय यातायात को बढ़ावा मिलेगा, जो ऊनी कपड़ों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा आम नागरिकों को जालंधर पहुंचने के लिए अब अमृतसर या पठानकोट जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
स्थानीय जनता ने जताया आभार
75 लाख रुपये की लागत से होने वाले इस अंतिम सर्वेक्षण में रेलवे लाइन की लंबाई, मार्ग, तथा नदियों व नहरों पर बनाये जाने वाले पुल, अंडरपास और ओवरपास की रूपरेखा तय की जाएगी। सर्वेक्षण के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी और रेल मंत्रालय प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगा।
गुरदासपुर-मुकेरियां रेल लिंक की लंबे समय से मांग कर रहे स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में इस घोषणा के बाद खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
