22 मई 2025 : अधिकतर लोगों को स्वादिष्ट भोजन करने का शौक होता है. स्वादिष्ट भोजन के चक्कर में लोग अपनी सेहत को भी दांव पर लगा देते हैं. जो लोग सेहतमंद होते हैं, वे स्वादिष्ट भोजन को तरजीह नहीं देते हैं. उनको क्या खाना है? वो सोच-विचारकर ही खाते हैं. यदि आप स्वादिष्ट भोजन के शौकीन हैं तो महात्मा विदुर की बातें जानकर अपना माथा पीट लेंगे. मंत्री विदुर ने हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र को कई बातें बताई थीं, जिसमें स्वादिष्ट भोजन के बारे में भी कहा है. आइए जानते हैं स्वादिष्ट भोजन के बारे में विदुर की क्या सोच थी.
दरिद्र लोगों के भोजन में होता है अधिक तेल
महात्मा विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा कि जो लोग धन कमाने के चक्कर में अंधे हो जाते हैं, उन लोगों के भोजन में मांस की अधिकता होती है. वे मांस खाना पसंद करते हैं. जो लोग मध्य श्रेणी के हैं, उनके भोजन में गोरस की अधिकता होती है. जो लोग दरिद्र होते हैं, उनके भोजन में तेल की मात्रा अधिक होती है.
स्वादिष्ट भोजन दरिद्रों को पसंद
विदुर ने कहा है कि दरिद्र व्यक्ति हमेशा स्वादिष्ट भोजन ही करता है क्योंकि उनके पेट की भूख उनके भोजन में स्वाद उत्पन्न कर देती है. ऐसी भूख धनी लोगों के लिए हमेशा ही दुर्लभ होती है. उन्होंने धृतराष्ट्र से कहा कि हे राजन! इस संसार में धनी लोगों को भोजन करने की शक्ति नहीं होती है. वहीं दरिद्र लोगों के पेट में काठ यानि लकड़ी भी पच जाती है.
सज्जनों को अपमान से होता है डर
विदुर कहते हैं कि जो लोग अधम व्यक्ति हैं, उनको अपनी जीविका के चले जाने का डर सताता है. जो लोग मध्यम श्रेणी के हैं, उनको लोगों को मरने से डर लगता है, जबकि जो सज्जन व्यक्ति हैं, उनको अपने अपमान से ही बड़ा भय लगता है.
ऐश्वर्य का नशा सबसे बुरा
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मदिरा का पान करते हैं, शराब पीते हैं, ये तो नशा ही है, लेकिन ऐश्वर्य का नशा तो बहुत ही बुरा होता है. जिस व्यक्ति को ऐश्वर्य का नशा लग जाता है, वह बिना भ्रष्ट हुए होश में नहीं आता है. ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए वह भ्रष्ट तक बन जाता है, वह अच्छे और बुरे का अंतर करना भूल जाता है.
जो लोग इंद्रियों के वश में रहते हैं, उनसे बाहर नहीं निकल पाते हैं, उनके दुर्गुण हमेशा बढ़ते ही रहते हैं. ऐसे लोगों को समाज त्याग देता है.
